विपक्ष की बैठक को शिवराज ने बताया मेंढक, सांप, बंदरों का जमावड़ा, कमलनाथ बोले ‘हम सांप तो शिव के कंठहार, वानर तो भगवान राम की सेना’

Shruty Kushwaha
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Shivraj-Kamal Nath accused each other : पटना में विपक्ष की महाबैठक पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होने कहा कि ‘जब भारी बाढ़ आती है तो अपनी जान बचाने के लिए कई जीव जंतु एक पेड़ पर बैठ जाते हैं जिनमें मेंढक, सांप, बंदर सब शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की बाढ़ से सारे विपक्षी दल घबराए हुए हैं लेकन काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है।’ वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि विपक्षी नेताओं को जानवरों के नाम से पुकार कर सीएम ने एक बार फिर शब्दों की मर्यादा तार तार की है। उन्होने कहा कि अपशब्द और स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर बीजेपी ने एक बार फिर अपनी असलियत दिखा दी है।

मुख्यमंत्री का कटाक्ष

बता दें कि विपक्ष की बैठक के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राहुल गांधी को मज़ाकिया लहज़े में शादी करने के लिए कहा था। इस बात पर दोनों के बीच हल्का फुल्का संवाद हुआ और वहां मौजूद सभी नेताओं ने भी इसका मज़ाक का आनंद लिया। अब इसी मज़ाक को आधार बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौराान ने कहा है कि ‘विपक्ष की एकता का निष्कर्ष क्या है..मुझे तो एक ही बात सुनी की लालू यादव जी कह रहे हैं कि तुम्हारी मम्मी बहुत शिकायत कर रही है कि तुम शादी नहीं कर रहे हो। शादी कर लो हम बारात में आएंगे। बाकी दूल्हा कौन है और बारात कौन है इसका ठिकाना ही नहीं है। जैसे जब भारी बाढ़ आती है तो अपनी जान बचाने के लिए कई जीव जंतु एक पेड़ पर बैठ जाते हैं। एक ही पेड़ पर मेंढक भी है, सांप भी है, बंदर भी है क्योंकि नीचे बाढ़ का पानी है। मोदी जी के समर्थन और लोकप्रियता की ऐसी बाढ़ है कि ये सब एक पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मोदी जी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। अब काठ की हांडी बार-बार थोड़ी चढ़ती है। कितनी भी एकता कर लें कुछ भी नहीं होने वाला है।’

कमलनाथ का पलटवार

इस तरह विपक्षी नेताओं की तुलना मेंढक सांप और बंदर से करने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होने कहा कि ‘शिवराज जी आज आपने एक बार फिर राजनीति में शब्दों की मर्यादा तार-तार कर दी। आपने विपक्ष को सांप, मेंढक और बंदर कहा। पिछले कई दिन से आप रह-रह कर अपशब्दों और स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। आपकी यही भाषा और यही भावना जनता में आपके प्रति नफरत पैदा कर रही है। आप जब हमें सांप कहेंगे तो जनता हमें भगवान शिव का कंठहार समझेगी। जब आप हमें बंदर कहेंगे तो जनता हमें भगवान राम की वह वानर सेना समझेगी जिसने रावण की पाप की लंका ध्वस्त कर दी थी। आप गाली-गलौज करते रहिए लेकिन हम सत्य और मर्यादा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे। साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि आपको सद्बुद्धि और सहिष्णुता दे।’


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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