भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वित्तीय संकट से जूझने के बावजूद राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। लंबे समय से अटका प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों का सातवां वेतनमान का हिसाब किताब होली के पहले चुकता हो जाएगा। इससे प्रदेश के साढ़े सात लाख अधिकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। होली के पहले यह राशि अधिकारी कर्मचारियों के खाते में आ जाएगी।
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दरअसल राज्य सरकार ने 22 जुलाई 2017 को सातवां वेतनमान देने के आदेश दिए थे और एक जनवरी 2016 से जून 2017 तक 18 महीने की एरियर राशि का भुगतान तीन किस्तों में देने का निर्णय लिया था। पहली और दूसरी किस्त में 50% राशि नगद और 50% जीपीएफ के माध्यम से मई 2018 और मई 2019 में सौंपी गई। तीसरी व अंतिम किस्त को मई 2020 में मिल जाना था लेकिन कोरोना काल और सरकार परिवर्तित होने के कारण खराब हुई वित्तीय स्थिति की बात करके यह बात टलती रही और अब 10 महीने बाद राज्य सरकार ने इस राशि को देने का निर्णय लिया है। हालांकि इस एरिया का भी 25% सरकार पहले दे चुकी है और अब 75% राशि होली के पहले मिल जाएगी। सरकार का यह निर्णय हर साल खजाने पर लगभग 1000 करोड रुपए का बोझ डालेगा। इस निर्णय से प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अफसर को औसतन 30663 रूपये व कर्मचारियों को लगभग 20654 रूपये मिलेंगे।
मध्य प्रदेश में प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारी कर्मचारियों की संख्या तीन लाख से ज्यादा है। इन्हें लगभग 28 से 30000 रूपये एरियर के मिलेगे। इनको पहली दो किस्तों में लगभग 75000 रूपये से ज्यादा मिल चुके हैं। वही चतुर्थ श्रेणी के लगभग 47000 कर्मचारी हैं जिन्हें लगभग 18654 रूपये मिलेंगे।
1 जनवरी 2005 के बाद सेवा में आए कर्मचारी लगभग साढ़े चार लाख है जिन्हें वेतन से कटौती न्यू पेंशन स्कीम मे होती है। उनके मिलने वाली राशि में से 10 फीसदी हिस्सा उनके न्यू पेंशन स्कीम अकाउंट में जमा हो जाएगा और बकाया राशि उनके खाते में पहुंच जाएगी।
कुल मिलाकर कोरोना काल में जब पूरा देश और विश्व आर्थिक मंदी से गुजर रहा है, शिवराज सरकार का होली के पहले यह तोहफा अधिकारी कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी की रौनक लाएगा।