Fri, Dec 26, 2025

सीधी हादसे का सबसे बड़ा सच! पूड़ी सब्जी बांटने की लापरवाही ने बुझा दिए 14 घरों के चिराग

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
सीधी हादसे का सबसे बड़ा सच! पूड़ी सब्जी बांटने की लापरवाही ने बुझा दिए 14 घरों के चिराग

Sidhi bus accident : सीधी में मोहनिया टनल के पास सतना से लौट रही बसों की ट्रक से हुई भीषण भिड़ंत में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से ज्यादा लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। लेकिन इस हादसे की एक बड़ी वजह है निकल कर सामने आई है जो इसे हादसा कम, और अधिकारियों की लापरवाही ज्यादा बता रही है।

सतना में कोल महाकुंभ के से वापस लौट रही तीन बसों को रीवा के मोहनिया टनल के पास बेकाबू ट्रक ने भीषण टक्कर मार दी जिसकी वजह से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। यह बस मोहनिया टनल के पास बस में सवार कोल आदिवासियों को पूड़ी सब्जी के पैकेट देने के लिए रोकी गई थी। दरअसल पूड़ी सब्जी के यह पैकेट देने की जिम्मेदारी सीधी के असिस्टेंट कमिश्नर ट्राइबल राजेश सिंह परिहार और जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के सीईओ तरूण कुमार की थी, जिन्हें यह सुनिश्चित करना था कि जब बसें सीधी मुख्यालय से रवाना हो तभी भोजन के पैकेट दे दिए जाएं। लेकिन भोजन के पैकेट नहीं दिए गए और बाद में यह निश्चित किया गया कि बसों के वापिस लौटते समय भोजन पैकेट दिये जाएंगे। मरने वालों में सीधी जिले के चोभरा और बाघड़ गांव के लोग शामिल है। परिवहन के सुगम रास्ते के हिसाब से देखा जाए तो इन लोगों को सतना से बेला गोविंदगढ़ और छुहिया घाटी होते हुए अपने गांव पहुंचना था जो दूरी बमुश्किल 60 से 70 किलोमीटर है। लेकिन खाने के पैकेट देने के लिए इन लोगों की बस को इससे कहीं ज्यादा लगभग 60-70 किलोमीटर और यानी 120-30 किलोमीटर के लंबे सफर पर ले जाया गया।

सतना के बाद इनकी बसें रीवा पहुंची जहां से वह गुढ़ पहुंची और फिर मोहनिया टनल, जहां पर यह हादसा हुआ। यानी अगर भोजन के पैकेट सुबह गाड़ी में रख दिए जाते तो यह लोग सकुशल अपने घर पहुंच जाते। लेकिन काल के क्रूर हाथों को कुछ और ही मंजूर था। अब सवाल यह भी है कि आखिरकार इनकी गाड़ी को 60 से 70 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर और तय क्यों कराया गया। भोजन के पैकेट बांटने में किसने लापरवाही की और आखिरकार क्या वजह थी कि बसों को मोहनिया टनल पर उस जगह रोका गया जहां पर शराब की दुकान भी मौजूद थी।