जबलपुर, संदीप कुमार। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा पर एसआईटी की टीम पूरी तरह से शिकंजा कस लिया है। सरबजीत सिंह मोखा के साथी देवेश चौरसिया की 5 दिन की रिमांड आज समाप्त हो गई है लेकिन देवेश चौरसिया की रिमांड एक बार फिर ली जाएगी। दरअसल गुजरात पुलिस इस पूरे प्रकरण में पूछताछ करने के लिए जल्द ही शहर पहुंचेगी। जिसके बाद देवेश चौरसिया को दोबारा रिमांड में लिया जाएगा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि देवेश चौरसिया और मोखा की पत्नी-मैनेजर से पूछताछ में सामने आया है कि बड़ी मात्रा में उन्होंने नकली इंजेक्शनों को डिस्पोज किया है। इसी आधार पर एसआईटी की एक टीम ने अस्पताल और मोखा के खाली प्लाट पर दबिश दी थी। जहां से इंजेक्शन और खाली सीसिायां बरामद हुई हैं।
अस्पताल के रिकार्ड होंगे जब्त
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि सिटी अस्पताल के कम्प्यूटराइज्ड डाटा की जांच पड़ताल की जाएगी। डाटा रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट की टीम करेगी। दो सदस्यीय टीम में एएसपी स्तर के एक अधिकारी हैं। कम्प्यूटर का हार्डवेयर जब्त कर टीम ले जाएगी। वहां डाटा रिकवर किया जाएगा। एसआईटी की जांच में यह एक अहम साक्ष्य साबित होगा।
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इंजेक्शन बिलों की जांच होगी
इस प्रकरण में एसआईटी की टीम कहीं से चूक नहीं करना चाहती है। आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य एकत्रित करने के लिए टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी के तहत एसआईटी की टीम अस्पताल पहुंचकर एकाउंट और इंजेक्शन के लिए दिए गए बिलों की जांच करेगी।
मोखा के बेटे पर ईनाम घोषित
नकली रेमडीसीवीर इंजेक्शन मामले में लंबे समय से फरार चल रहे सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह के बेटे हरकरण सिंह पर जबलपुर एसपी ने इनाम घोषित किया है। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने 5000 रु का इनाम घोषित किया है। साथ ही पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि इस पूरे नकली इंजेक्शन कांड में हरकरण सिंह मुख्य आरोपी है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।