MP News : नवविवाहित बेटियों को भी अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ, अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश

Pooja Khodani
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Ladli Behna Yojana

MP Ladli Behna Yojana 2023 : मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पर सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम कहा कि मध्य प्रदेश में अब नवविवाहित बेटियाँ भी पात्रतानुसार  लाड़ली बहना योजना में लाभान्वित होगी। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। इधर  31 मई को फाइनल लिस्ट जारी होगी।इसके बाद 10 जून से बहनों के खाते में राशि डाली जाएगी। अब तक एक करोड़ 12 लाख 57 हजार 65 बहनों के डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) इनेबल किये जा चुके हैं। शेष डीबीटी का कार्य सुचारू रूप से 30 मई तक पूरा किया जायेगा।

नवविवाहित बेटियों को भी योजना का लाभ

आज मुख्यमंत्री निवास से झाबुआ जिले की थांदला जनपद पंचायत में 300 जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह समारोह को वर्चुअली संबोधित  करते हुए सीएम  ने कहा है कि नवविवाहित बेटियों को भी मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पात्रतानुसार लाभान्वित करने आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने बेटियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ संचालित की हैं। बेटियाँ हमारे लिए वरदान हैं, कोई बोझ नहीं हैं।

पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत आरक्षण

सीएम ने कहा कि एक समय था जब बेटियों के प्रति दृष्टिकोण अपेक्षाकृत कम सकारात्मक था। वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की शुरूआत के बाद लाड़ली लक्ष्मी योजना और अब लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत और स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत स्थान बेटियों के लिए सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई। शिक्षण कार्य में भी बेटियों की हिस्सेदारी कम से कम आधी हो, इसकी पहल की गई है। आज प्रदेश की बेटियाँ शिक्षण सुविधाओं का लाभ लेते हुए सम्मानजनक स्थिति में हैं। विवाहित दम्पतियों को कन्या विवाह-निकाह योजना में 49 हजार रूपए की राशि का चेक प्रदान किया जा रहा है, इससे वे गृहस्थी का जरूरी सामान खरीद सकेंगे।

जिलेवार स्थिति

  1. मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में अब तक भोपाल संभाग के भोपाल जिले में 2 लाख 78 हजार 133, रायसेन में 2 लाख 18 हजार 280, राजगढ़ में 2 लाख 63 हजार 651, सीहोर में 2 लाख 13 हजार 311 और विदिशा जिले में 2 लाख 42 हजार 758 डीबीटी इनेबल हो चुके हैं।
  2. चम्बल संभाग के भिण्ड जिले में 2 लाख 71 हजार 673, मुरैना में 2 लाख 92 हजार 179 और श्योपुर जिले में 96 हजार 266।
  3. ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में 2 लाख 73 हजार 82, अशोकनगर में एक लाख 38 हजार 918, दतिया में एक लाख 30 हजार 668, गुना में 2 लाख 2 हजार 784 और शिवपुरी जिले में 2 लाख 46 हजार 734 डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं।
  4. नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम जिले में एक लाख 86 हजार 979, बैतूल में 2 लाख 42 हजार 532, हरदा जिले में 81 हजार 607।
  5. इंदौर संभाग के इंदौर जिले में 3 लाख 91 हजार 443, अलीराजपुर में एक लाख 11 हजार 672, बड़वानी में 2 लाख 17 हजार 284, बुरहानपुर में एक लाख 14 हजार 354, धार में 3 लाख 32 हजार 307, झाबुआ में एक लाख 82 हजार 174, खण्डवा में एक लाख 89 हजार 782 और खरगोन जिले में 2 लाख 81 हजार 362 डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं।
  6. जबलपुर संभाग के जबलपुर जिले में 3 लाख 48 हजार 695, बालाघाट में 3 लाख 29 हजार 440, छिंदवाड़ा में 3 लाख 54 हजार 686, डिण्डोरी में एक लाख 17 हजार 7, कटनी में 2 लाख 14 हजार 268, मण्डला में एक लाख 83 हजार 232, नरसिंहपुर में एक लाख 92 हजार 905 और सिवनी जिले में 2 लाख 44 हजार 523 बहनों के डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं।
  7. रीवा संभाग के रीवा जिले में 3 लाख 61 हजार 265, सतना में 3 लाख 23 हजार 483, सीधी में एक लाख 82 हजार 121 और सिंगरौली जिले में एक लाख 71 हजार 64 डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं।
  8. सागर संभाग के सागर जिले में 3 लाख 62 हजार 903, छतरपुर में 2 लाख 82 हजार 253, दमोह में 2 लाख 22 हजार 552, निवाड़ी में 69 हजार 644, पन्ना में एक लाख 55 हजार 893 और टीकमगढ़ जिले में एक लाख 85 हजार 760।
  9. शहडोल संभाग के शहडोल जिले में एक लाख 68 हजार 428, अनूपपुर जिले में एक लाख 15 हजार 726 और उमरिया जिले में 94 हजार 713 डीबीटी इनेबल किये गये हैं।
  10. उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में 3 लाख 2 हजार 117, आगर-मालवा में 99 हजार 797, देवास में 2 लाख 45 हजार 455, मंदसौर में 2 लाख 37 हजार 421, नीमच में एक लाख 42 हजार 2, रतलाम में 2 लाख 26 हजार 378 और शाजापुर जिले में एक लाख 54 हजार 20 बहनों के डीबीटी इनेबल किये जा चुके हैं।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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