भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 28 सीटों पर हुए उपचुनाव (By-election) के 10 नवंबर को नतीजे आने वाले है, जिसमें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सियासत की तस्वीर साफ होगी कि कौन सत्ता में रहेगा और कौन विपक्ष में। लेकिन इसके पहले BJP के चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक और मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) ने बसपा-निर्दलीय विधायकों से मुलाकात कर सूबे का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। खास बात तो ये है कि इस बंद कमरे की मुलाकात में पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाले BJP विधायक नारायण त्रिपाठी (BJP MLA Narayan Tripathi) भी शामिल रहे।
मुलाकात के बाद बाहर आए नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi ) मीडिया से रुबरु हुए और कहा कि मैं भाजपा में था और भाजपा में ही रहूंगा। भूपेंद्र पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, मुलाकात होती रहती है।वही भूपेंद्र सिंह ने त्रिपाठी को लेकर कहा कि यह सामान्य मुलाकात थी, नारायण पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं और भाजपा बड़े बहुमत से सरकार में रहेगी। भले ही बीजेपी इस मुलाकात को औपचारिक बता रही है लेकिन चुनावी नतीजों से ठीक पहले हुई इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
इन मुलाकाताें से सियासी हलचल बढ़ गई, इसे परिणामों से पहले फील्डिंग जमाने का दांव माना जा रहा है।क्योंकि बसपा-निर्दलीय विधायकों के साथ नारायण त्रिपाठी का भूपेन्द्र सिंह से बंद कमरे में मुलाकात करना कई मयाने बयांं कर रहा है। चुंकी पिछले साल नारायण त्रिपाठी ही वह विधायक थे, जिन्होंने विधानसभा में एक बिल पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस (Congress) का समर्थन कर दिया था, इतना ही नही बीते मार्च में भी जब मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक चल रही थी तब भी नारायण त्रिपाठी कई बार तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के घर पर देखे गए थे, उनके लगातार कांग्रेस से संपर्क की बातें सामने आ रही थी, जिससे अटकलें भी लगाई जा रही थी कि वे कांग्रेस को समर्थन दे सकते है, लेकिन ऐसा हुआ नही।लेकिन अब नतीजों और नंबर गेम से पहले मंत्री जी की त्रिपाठी से मुलाकात होने पर कई मयाने निकाले जा रहे है।
यह है विधानसभा की स्थिति
मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटें हैं, लेकिन दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने के बाद आंकड़ा 229 हो जाता है। वर्तमान में बीजेपी के पास 107 विधायक और कांग्रेस के पास 87 विधायक हैं। वहीं दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायक हैं। वर्तमान में बीजेपी को बहुमत के लिए महज 8 सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत के लिए सभी 28 सीटें जीतनी होंगी, अगर नतीजों में कुछ ऊपर नीचे होता है तो दोनों ही पार्टियां अन्य सात विधायकों का समर्थन ले सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश में किसकी सरकार बनती है।