युवाओं के लिए प्रेरणा बने सतेन्द्र लोहिया, आईएएस अधिकारी ने रखी थी ख्वाबों को हकीकत में बदलने की नींव

पद्मश्री अवॉर्डी पैरा स्विमर सतेन्द लोहिया का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। लेकिन हर सफलता के पीछे किसी न किसी ख़ास व्यक्ति का योगदान होता है और इस कहानी में वो शख़्स है आईएएस पी नरहरि। आज हम आपको पर्दे के पीछे की एक रियल मोटिवेशनल स्टोरी बताने जा रहे हैं।

Satendra

Satendra Lohiya and IAS P Narhari : कहते हैं अगर इरादों में मज़बूती हो तो पहाड़ भी मामूली पत्थर सा नज़र आता है, कितनी भी बड़ी मुश्किल हो इंसान उसे हंसते हंसते पार कर जाता है। लेकिन कई बार मात्र इरादे आपको मंजिल तक ले जाने के लिए काफी नहीं होते। इसके लिए चाहिए होता है साथ और किसी अपने का हाथ। एक हाथ जो आपको जीवन के अंधेरों से खींचकर रोशनी की तरफ ले जाए। एक हाथ जो आपको निराशा से आशा की तरफ ले जाए।

सत्येन्द्र लोहिया की प्रेरणादायक कहानी

पद्मश्री अवॉर्डी पैरा स्विमर सतेन्द लोहिया का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। लोहिया का नाम आज भारत के हर उस युवा के ज़हन में है जो अपने जीवन में एक बड़ा मुकाम हासिल करना चाहते हैं। लोहिया हारे हुए लोगों के लिए जीत की प्रेरणा हैं। लेकिन आज जो लाखों युवाओं की प्रेरणा का स्त्रोत हैं उन्हीं सतेन्द्र लोहिया के लिए एक समय ऐसा भी आया था जब वह खुद अंधेरे और निराशा की गर्त में डूब गए थे। जब उनके जीवन में चारों ओर कोहरा ही कोहरा था। तब जिस शख्स ने लोहिए को आशा की किरण दिखाई और उनका आत्मविश्वास टूटने नहीं दिया उस इंसान का नाम है पी नरहरी।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।