ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने एक आदेश जारी किया है और इस आदेश में उन्होंने यह साफ किया है कि किसी भी पुलिसकर्मी को गलत तरीके से शासकीय रिवॉल्वर या पिस्टल कमर में गलत तरीके से लगाना अनुशासनहीनता माना जाएगा और ऐसे अधिकारी-कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने अत्यावश्यक कार्यों के अलावा बिना वर्दी के ड्यूटी करने पर भी पाबंदी लगा दी है।
सिंबा, दबंग और सिंघम जैसी फिल्मों से आज की पुलिस कुछ ज्यादा ही प्रभावित नजर आती है। कार्यशैली में भले ही उतनी ईमानदारी और पारदर्शिता ना हो लेकिन एक्शन पूरे फिल्मों जैसे, और इन्हीं में से एक है रिवॉल्वर या पिस्टल को गलत तरीके से कमर में लगा लेना। दरअसल रिवॉल्वर या पिस्टल को लगाए रखने के लिए बाकायदा कवर रहता है और उसे कमर के सहारे बांधा जाता है। लेकिन यह देखने में आ रहा है कि विशेषकर निचले स्तर के पुलिस कर्मचारी रिवॉल्वर को मनचाहे तरीके से कमर में लगा लेते हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने अब बाकायदा एक निर्देश जारी किया है कि हर पुलिसकर्मी को शासकीय आर्म्स को निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत बेल्ट में बगैर लेनयार्ड के रखना गलत है और अगर किसी ने भी ऐसा किया तो बिना कोई स्पष्टीकरण दिए उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही एसपी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि किसी भी कर्मचारी को सिविल ड्रेस में ड्यूटी नहीं करनी होगी और अगर किसी विशेष अपराध में इस तरह की आवश्यकता है तो उसका उल्लेख बाकायदा रोजनामचा में किया जाना जरूरी होगा और इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दिया जाना भी अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वाले कर्मियों पर भी कार्रवाई के निर्देश एसपी ने दिए हैं। दरअसल पिछले दिनों एक तथाकथित सटोरिए कि जिस तरह से पुलिस हिरासत में मौत हुई और उसे जिस तरह से पुलिस स्क्वाड के नाम पर बिना वर्दी पुलिसकर्मी उठाकर लाए, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक ने यह कदम उठाया है।
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श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।