जबलपुर, संदीप कुमार। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) की एकलपीठ ने जबलपुर नगर निगम आयुक्त पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि जब उनके खिलाफ अवमानना प्रकरण चलने लगा तो उन्होंने रिव्यू याचिका दायर कर दी। रिव्यू 6 साल बाद दायर की गई, जो नियम के खिलाफ है। लिहाजा जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने इस मत के साथ नगर निगम आयुक्त पर 50 हजार रुपए की कास्ट लगाई है।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि यह राशि 30 दिन के भीतर आर्मी सेंटर वेलफेयर फंड में जमा करा दी जाए। दैनिक वेतनभोगी अवधेश बाजपेई की ओर से दायर की गई याचिका में कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता सहायक राजस्व निरीक्षक के पद पर दैनिक वेतन भोगी के रूप में पदस्थ था। लेबर कोर्ट ने 15 जुलाई 2003 से नियमितीकरण का लाभ देने के लिए निर्देश भी दिए थे, लाभ नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
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हाईकोर्ट ने 26 जून 2016 को लेबर कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए 30 दिन के भीतर अनाआवेदक को सभी लाभ देने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी कार्यवाही नहीं हुई तो अनाआवेदक ने अवमानना याचिका दायर की। उन्होंने बताया कि नगर निगम बार-बार मोहलत लेती गई और अवमानना कार्रवाई से बचने के लिए रिव्यू याचिका दायर कर दी।