भारतीय जनता पार्टी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। मंडल में चुनाव प्रक्रिया 8 एवं 9 नवंबर को होना थी, लेकिन अयोध्या फैसले के चलते देश भर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के मद्देनजर भाजपा ने मंडल स्तर का चुनाव कार्यक्रम टाल दिया था। इसके बाद जिले और फिर दिसंबर के अंत में प्रदेशाध्यक्ष के नाम पर मुहर लग जाएगी। मौजूदा भाजपा प्रदेशाध्क्ष राकेश सिंह को फिर से कमान मिलने की संभावना है,लेकिन आधा दर्जन अन्य नेता भी प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। निकाय एवं पंचायत चुनाव से पहले भाजपा की नई कार्यकारिणी बनकर तैयार हो जाएगी। जिसमें कई नई चेहरे शामिल होंगे।
खत्म हो सकता है पीसीसी चीफ का इंतजार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री बनने के बाद से कांग्रेस में नई पीसीसी चीफ को लेकर मशक्कत चल रही है। लेकिन नेताओं की आपसी गुटबाजी और खींचतान के चलते हाईकमान पीसीसी चीफ को लेकर फैसला नहीं कर पाया है। लोकसभा चुनाव के बाद कमलनाथ पीसीसी चीफ का पद छोडऩे का ऐलान भी कर चुके हैं, लेकिन हाईकमान के निर्देश पर वे यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान मप्र कांगे्रस के अध्यक्ष के लिए कई बार बैठक कर चुका है, लेकिन हर बार नाम पर सहमति नहीं बन पाई। संभवत:साल खत्म होने से पहले इस पर फैसला हो सकता है।
जल्द हो सकती है निगम मंडलों में नियुक्तियां
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से निगम-मंडल, बोर्ड, प्राधिकरणों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के पद खाली पड़े हैं। अभी तक सिर्फ अपैक्स बैंक के अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है। कांग्रेस आलाकमान से जुड़े सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ अगले एक महीने के भीतर करीब आधा दर्जन निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां कर सकते हैं। मुख्यमंत्री उन्हें निगम-मंडल एवं प्राधिकरणों में नियुक्तियां करने के पक्ष में हैं जो मुनाफा कमा रहे हैं।
विधान परिषद पर भी होना है मंथन
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में विधानसभा परिषद बनाने वचन दिया था। इस पर मंथन के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। संभवत: यह कमेटी अगले एक महीने के भीतर रिपोर्ट दे देगी। विधान परिषद के जरिए कांगे्रस अधिसूचित क्षेत्र के सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के नेताओं को विधानसभा लाना चाहती है।