भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने के बाद अब किसकी सरकार बनेगी इस पर कयास लगाने का दौर शुरू हो गया है। एक ओर कांग्रेस को इस बार मालवा-निमाण से काफी उम्मीदें है तो वहीं भाजपा भी अपनी जीत का दावा कर रही है। लेकिन इस बार मतदाताओं की शांति दोनों दलों को काफी खल रही है। मतदाताओं के इस मौन को भाजपा अपने लिए अच्छा मान रही है। कांग्रेस दावा कर रही है कि यह मौन बदलाव का है। लेकिन प्रदेश में बंपर वोटिंग के बाद मतदाताओं का रुख जानने के लिए अलग अलग गणित सामने आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं उन 11 जिलों की जहां इस बार मतदान प्रतिशत का ग्राफ बढ़ा है। यहां जिस पार्टी का अच्छा प्रदर्शन होगा सरकार उसी पार्टी की बनेगी।
प्रदेश के 52 में 30 जिलों में इस बार 75 फीसदी मतदान दर्ज हुआ है। ईवीएम में भाग्य विधाताओं ने उम्मीदवारों की किस्मत तय कर दी है। लेकिन इन जिलों में भी 11 ऐसे जिले हैं जहां चार फीसदी से ज्यादा मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। ये इसलिए अहम हैं क्योंकि मध्यप्रदेश में जब कभी भी सत्ता परिवर्तन होता आया है तब वोटों का प्रतिशत 4 फीसदी से ज्यादा रहा है।
क्या कहता है इतिहास
मध्य प्रदेश के राजनीति इतिहास पर नजर डालेंगे तो इस सवाल का जवाब मिलने में आसानी होगी। बात 1990 की है। देश राम मंदिर निर्माण की लहर चल रही थी। इस लहर का पूरा फायदा भाजपा को मिला और मध्य प्रदेश में भाजपा ने 220 सीटें हासिल की थी। जब एमपी और छग का विभाजन नहीं हुआ था। 90 में प्रदेश में कांग्रेस उखड़ी गई थी। तब भी सत्ता विरोधी लहर थी और 4.36 फीसदी वोट प्रतिशत भी बढ़ा था। सुंदरलाल पटवा की ताजपोशी हुई। अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद जब चार सरकारें बर्खास्त हुई थीं तो मध्यप्रदेश उनमें से एक था। 1993 में मध्यप्रदेश के लोगों ने बम्पर मतदान किया। 6.03 प्रतिशत अधिक मतदान। मूड बदलाव का था। बाबरी विध्वंस के बाद बीजेपी सरकार की बर्खास्तगी पर भी मतदाताओं ने एक तरह से मुहर लगायी। कांग्रेस ने वापसी की। दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री बने।
30 ज़िले जहां हुए हैं 75% से ज्यादा मतदान
श्योपुर, शिवपुरी, गुना, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर और नीमच।
बम्पर वोटिंग वाले 11 ज़िले जहां हैं 47 सीटें
जिले | सीटें | 2013 | 2018 | बीजेपी | कांग्रेस |
इंदौर | 9 | 70.61 फीसदी | 75 फीसदी | 8 | 1 |
रतलाम | 5 | 77.98 | 82 | 5 | 0 |
धार | 7 | 71.95 | 75 | 5 | 2 |
झाबुआ | 3 | 69.04 | 72 | 2 | 0 |
अलीराजपुर | 2 | 55.77 | 63 | 2 | 0 |
नीमच | 3 | 78.43 | 82 | 3 | 0 |
श्योपुर | 2 | 74.43 | 78 | 1 | 1 |
ग्वालियर | 6 | 60.93 | 64 | 4 | 2 |
पन्ना | 3 | 68.35 | 72 | 2 | 1 |
अनूपपुर | 3 | 71.02 | 74 | 1 | 2 |
रायसेन | 4 | 71.50 | 75 | 4 | 0 |
कुल | 47 | 37 | 9 |