‘माई’ के नहीं, मामा के ही ‘लालों’ ने कराई शिवराज की विदाई

Published on -
these-people-big-role-in-the-defeat-of-Shivraj-in-madhya-pradesh

भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल के शासन के बाद बीजेपी की सत्ता से विदाई भले ही हो गई हो लेकिन अब राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिरकार इतनी लोकप्रियता के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सत्ता से बेदखल क्यों होना पड़ा। अपनी सादगी, विनम्रता और अच्छे व्यवहार के लिए आम जनता के साथ बेहद अच्छे संबंधों के लिए जाने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आखिर क्यों जनता ने नकार दिया। इसका बहुत बड़ा कारण कोई और नहीं, खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नजदीक रहने वाले अफसरों का एक समूह था जिसने निहित स्वार्थों के चलते मुख्यमंत्री को जनता से दूर कर दिया बल्कि मध्यप्रदेश में काम करने वाले मेहनतकश और ईमानदार अधिकारियों को भी या तो चुपचाप बैठने या फिर मध्य प्रदेश से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया। 

शिवराज के इर्द-गिर्द के चौकड़ी इस कदर प्रभावशाली थी, एक बार शिवराज की बात कट जाती थी लेकिन इनका कहा हुआ वाक्य ब्रह्म वाक्य माना जाता था। सुशासन के नाम पर एक के बाद एक कर चालू की गई योजनाएं धीरे-धीरे करके असफल होती गई| लेकिन इन अधिकारियों ने उन योजनाओं की आड़ में करोड़ों अरबों रुपयों का घालमेल कर लिया। हालात यह बन गए कि मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में इन अधिकारियों की मनचाही पोस्टिंग और इनकी कृपा पात्रों की नियुक्तियां ही की जाने लगी। शिवराज ने सुशासन  के लिए भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस जैसे प्रयोग करने चाहे लेकिन इन अधिकारियों के और उनके कृपा पात्रों के ऊपर यह निष्प्रभावी साबित हुए। अब मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है तो यह चौकड़ी एक बार फिर सक्रिय है और नए नवेले मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर डोरे डालने के प्रयास शुरू हो गए हैं। कमलनाथ से नजदीकी संबंध वालों को तलाशा जा रहा है और उनके माध्यम से कमलनाथ तक पहुंचने की भरसक कोशिश हो रही है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चौकड़ी भस्मासुर का स्वरूप ले चुकी है और अब जिस के नजदीक जाएगी ,उसका विनाश होना तय है| 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News