भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। जहां सहकारी समितियों (Co-operative societies) में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन (salary) के लिए परेशान नहीं होना होगा। इसके लिए सहकारिता विभाग (cooperative Department) द्वारा नई व्यवस्था तैयार की जा रही है। इन नियमों के मुताबिक अब किसानों को अल्पावधि कृषि ऋण देने पर समितियों को डेढ़ फीसदी कमीशन दिया जाएगा।
दरअसल मध्यप्रदेश में 4000 से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। जहां अब किसानों को अल्प अवधि के लिए कृषि ऋण उपलब्ध कराने पर समितियों को कमीशन दिया जाएगा। इसके साथ ही गेहूं धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी होने पर कर्मचारियों को मिलने वाले कमीशन भी नियमित तौर पर दिए जाएंगे।
सहकारी समिति कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राशि का इंतजाम कमीशन द्वारा किया जाता है। वहीं खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग कमीशन देने में देरी करता था। किसानों के पास से अल्पावधि कृषि ऋण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन, गेहूं धान की खरीदी के समर्थन मूल्य पर खरीद से आए कमीशन से कर्मचारियों की वेतन भरपाई की जाती थी। वहीं अभी सहकारी समितियों को 560 करोड़ रुपए देना बाकी है।
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इस मामले में संयुक्त पंजीयक का कहना है कि शिवराज सरकार की मंशा के मुताबिक नई व्यवस्था के लिए मसौदा तैयार किया गया है। वही बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। बता दें कि समय पर वेतन भत्ता नहीं मिलने के कारण सहकारी समिति के अधिकारी कर्मचारी द्वारा हड़ताल की गई थी। जिसके बाद बकाया राशि के भुगतान पर खाद्य विभाग द्वारा सहमति जताई गई थी। कहा गया था कि जल्द समितियों को भुगतान कर दिया जाएगा।
इससे पहले कृषि ऋण वितरण करने पर भी सहकारी बैंक सहकारी समितियों को नियमित तौर पर राशि उपलब्ध नहीं कराती थी। जबकि अब जिला बैंक द्वारा 1% से 1.5% तक कमीशन सहकारी समितियों को दिया जाएगा। इसके अलावा उपार्जन राशि के साथ खाद बीज वितरण पर भी कर्मचारियों को नियमित तौर पर कमीशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था अगले महीने से लागू की जाएगी।