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Wed, Dec 17, 2025

सीनियर आईएएस के किस बयान से नाराज हुईं उमा भारती, सीएम से की बात

Written by:Shruty Kushwaha
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सीनियर आईएएस के किस बयान से नाराज हुईं उमा भारती, सीएम से की बात

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के महिला एव बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शाह (Ashok Shah) एक बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) नाराज हो गई हैं। उन्होने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से भी बात की है। इसी के साथ उन्होने बयान का विरोध करते हुए ट्वीट भी किया है।

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दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में एसीएस अशोक शाह ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होने महिलाओं में स्तनपान की बढ़ोत्तरी के पीछे सरकार की एक योजना का हवाला दिया था। महिला बाल विकास विभाग के लाड़ली लक्ष्मी योजना 2 (Ladli Laxmi Yojana 2) कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इसी कार्यक्रम में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शाह ने कुछ ऐसा कह दिया जिसे सुनकर सब चौंक गए। उन्होने कहा कि दरअसल मध्यप्रदेश में अपने बच्चों को (आशय बेटियों से) दूध पिलाने वाली मांओं की संख्या काफी कम थी। जो अब योजना प्रारंभ होने के बाद बढ़  गई हैं। उन्होने कहा कि साल 2005 में सिर्फ 15 प्रतिशत माएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती थीं और योजना के बाद आज ये आंकड़ा 42 प्रतिशत हो गया है। इसी बात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात की है और ट्वीट भी किए हैं।

उमा भारती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के क्रियान्वयन शुरू होने का स्वागत। मध्य प्रदेश सरकार के इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत एवं हास्यास्पद कथन देखा। हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी महिलाओं के सम्मान के लिए बहुत सजग एवं संवेदनशील हैं, जब मैंने आज फोन पर बात करके उनको यह बात बताई तो वह इस कथन से असहमत एवं आश्चर्यचकित थे। मुख्यमंत्री जी की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए। मुझे लगता है कि वह इस कथन को ठीक करने का रास्ता स्वयं निकाल लेंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि “हमारी योजना के कारण अब 42% महिलाएँ अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं जबकि 2005 से पहले वह 15% था।” अगर यह कथन सही छपा है तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी एवं मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है, अधिकारियों को अपने बयान के प्रति सचेत एवं जिम्मेवार रहना चाहिए। अमीर हो या ग़रीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती ही है, लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा। आखिर सारी महिलाएँ बेटियाँ ही हैं वो ज़िंदा कैसे रह गईं।’