क्या बारिश की फुहारें उमा भारती की तल्खी कम कर पाएंगी! मौसम के साथ बदले बदले हैं मिज़ाज

Uma Bharti in good mood : बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती पर भी मौसम की फुहारों का असर हो रहा है। अक्सर तल्ख रहने वाले तेवर कुछ ठंडे पड़ते नजर आ रहे हैं। उनके हालिया ट्वीट से तो कुछ ऐसा ही लग रहा है। एक अरसे बाद उमा भारती ने राजनीति से इतर..कुछ मौसम तो कुछ मन के मिज़ाज को लेकर बात की है। तो क्या ये सियासी मौसम के लिए भी कोई संकेत है ?

बारिश का असर फसलों के साथ मन पर भी

दरअसल इस बार मध्य प्रदेश में बारिश बड़ी मनौतियों के बाद लौटी है। सावन सूखा बीतने के बाद किसानों के चेहरे पर चिंता की गहरी लकीरें थी। वहीं सरकार से लेकर प्रशासन तक परेशान था क्योंकि फसलें बर्बाद होने का अंदेशा सभी को सता रहा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो महाकाल के दरबार में बारिश के लिए प्रार्थना भी की थी। डर सभी को यही था कि अगर भादौ भी सूखा निकल गया तो स्थिति विकट हो सकती है। लेकिन खुशकिस्मती से आशंकाएं निर्मूल साबित हुई और भादौ की शुरुआत ही अच्छी बारिश के साथ हुई है। ये बारिश जो किसी को रुमानी लग सकती है किसी को आशिकाना, किसी को मदहोश बना सकती है तो किसी को दीवाना..ये बारिश सबसे बड़ी राहत किसानों के लिए लेकर आई है।

उमा भारती के ट्वीट के क्या हैं सियासी संकेत

लौटते हैं उमा भारती पर। अमूमन उनके तेवर थोड़े गर्म ही रहते हैं। ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि पार्टी को भी इस बात का डर सताता रहता है कि जाने कब उमा भारती पार्टी लाइन से हटकर बयान दे दें। हाल ही में उन्होने जनआशीर्वाद यात्रा में न्योता न मिलने को लेकर खासी नाराजगी जताई थी और कहा था कि अब बुलावा आने पर भी नहीं जाएंगीं। इससे पहले भी वे शराब, अवैध उत्खनन, गौवंश, प्राइवेट अस्पतालों की खर्चीली फीस सहित कई मुद्दों मोर्चा खोल चुकी हैं। ऐसे में अगर वो वो मौसम का आनंद उठाते हुए अगर ट्वीट करें कि ‘फिर बरसे बदरा झूम के’ तो मानने में हर्ज नहीं कि मौसम का जादू उनके मन पर भी चल चुका है। क्योंकि वे बखूबी जानती हैं कि ये बारिश खेतों के लिए अमृतवर्षा है और सूखे की स्थिति से निपटने के लिए बेहद आवश्यक..इसलिए ये खुशी तो लाज़मी है। आज उमा भारती ने बादलों की, बारिश की, मौसम की और प्रकृति की बात की है। लगभग एक डेढ़े किलोमीटर लंबे ट्वीट करने वालीं उमा भारती ने महज पांच शब्दों में अपने मन के मौसम का हाल बताया है, जो काफी खुशनुमा लग  रहा है।

 

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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