उमा भारती पहुंची दिल्ली, ट्वीटर पर दी जानकारी, कही यह बात

Manisha Kumari Pandey
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। फिलहाल उमा भारती (Uma Bharti) दिल्ली में है। शराब बंदी की बात हो और उमा भारती अपनी बात ना रखें।  ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने जबलपुर के पाटन विधानसभा के विधायक श्री अजय विश्नोई द्वारा खुलेआम नई शराब नीति का विरोध करने पर भी प्रशंसा की। कई दिनों मध्य प्रदेश में लागू होने वाले नई शराब नीति का विरोध उमा भारती कर रही है और उन्होंने ने इस बारे में सीएम शिवराज से भी खास बातचीत की। आज यानि 21 अप्रैल को उन्होंने ट्वीटर पर अपनी बात खुल कर सामने रखी और उनकी सरकार से कुछ मांग भी जिसका जिक्र आज उन्होंने ने सोशल मीडिया पर किया।

उमा भारती मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की कर रही है, इस बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी बातचीत की। उनका कहना है कि “शराब और नशा यह राजनीतिक विषय नहीं है यह एक सामाजिक विषय है। इस पर सब को बोलने का अधिकार है और ऐसे विषय पर फैसले लेते समय सामाजिक परामर्श लेना भी बहुत जरूरी होता है।” उन्होंने ने यह भी कहा की,”अभी 5 दिन पहले मेरी एवं शिवराज जी की एक घंटे आमने-सामने बैठकर बातचीत हुई है। मैंने उन्हें सुझाव दिया कि पूर्ण शराबबंदी का आग्रह हम नहीं कर रहे हैं बल्कि क्रमिक शराबबंदी से फिर पूर्ण शराबबंदी की ओर बढ़ना चाहिए।” सीएम ने भी उन्होंने इस बारे में सोचने और निर्णय लेना का आश्वसन दिया है।

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उमा ने अपनी मांग रखते हुए और पूर्ण शराबबंदी की ओर कदम बढ़ाने के सुझाव बताते हुए लिखा की, “मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, जिनालय, बौद्ध मंदिर किसी भी धार्मिक स्थान के 500 मीटर के दायरे में कोई भी शराब की दुकान या अहाता नहीं होना चाहिए। स्कूल, अस्पताल, शिक्षण संस्थान इन से भी 500 मीटर की दूरी के अलावा, जब तक यह संस्थान खुले हैं तब तक, शाम तक कोई भी शराब की दुकान व अहाता वहां पर बंद रहना चाहिए। घर में 11 बोतल ले जाने की अनुमति एवं एक के बदले में एक मुफ्त बोतल दिए जाने की नीति से तो घर, गली, मोहल्ला, शराब से सराबोर हो जाएंगे तथा खुले में बैठकर सामूहिक रूप से शराब पीने के अहाते तो आबादी से बहुत दूर कहीं एकांत स्थानों पर होना चाहिए। शराब पीकर गाड़ी चलाना या सड़क पर पैदल चलना, दंडनीय अपराध हो। इतने कदम सरकार उठाए, फिर हम समीक्षा करते हुए धीरे-धीरे शराबबंदी की ओर बढ़ें ।” इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ उनके किसान कानून को लेकर भी की। 

 


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