Uma Bharti said transport scam is bigger than Vyapam : उमा भारती ने परिवहन घोटाले को व्यापमं से बड़ा और भीषण घोटाला बताया है। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा तो सिर्फ एक छोटा सा मोहरा है, इस मामले में कई और लोग भागीदार होंगे। इसी के साथ उन्होंने इसे शराबबंदी से जोड़ते हुए कहा कि पूर्व में जब भी उन्होंने शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की बात कही तो उन्हें रेवेन्यू कलेक्शन का हवाला दिया गया। उन्होंने ये भी कहा कि इसे लेकर उन्हें ट्रोल भी किया गया, लेकिन इस परिवहन घोटाले से साफ हो जाता है कि अगर इस तरह के घोटालों पर लगाम कसी जाए तो शराबबंदी अपने आप हो जाएगी।
बीजेपी की फायरब्रांड नेता ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। सौरभ शर्मा मामले को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये तो सिर्फ एक शख्स है जिसका नाम सामने आया है। लेकिन इस मामले में अधिकारी नेता कई अन्य लोग भी भागीदार होंगे। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री मोहन यादव पर पूरा भरोसा है कि वो इस चुनौती को पार करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें जाँच एजेंसी की निष्पक्षता पर भी विश्वास है।
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परिवहन घोटाले पर उमा भारती की तीखी प्रतिक्रिया
एक बार फिर उमा भारती ने सौरभ शर्मा मामले और परिवहन घोटाले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब वो शराबबंदी की बात करती हैं तो उन्हें रेवेन्यू के घाटे की बात कही जाती है। लेकिन अगर सालभर में इतने हज़ार करोड़ के घोटाले होने से रोके जाएं तो शराबबंदी अपने आप हो जाएगी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ‘मैं 2003 से ही कह रही थी कि शराब पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने से पहले रेवेन्यू कलेक्शन के लिए..सबसे अच्छा रेवेन्यू कलेक्शन चेकपोस्ट से हो सकता है। इसको हम एक आधुनिक प्रणाली पर डाल दें जैसा कि गुजरात में है चेकपोस्ट सिस्टम। उस समय मुझे बताया गया था कि ढाई से तीन हज़ार करोड़ रुपए सालभर में वहां से मिल जाएंगे। जबकि शराब का रेवेन्यू कलेक्शन उस समय पंद्रह सौ से दो हज़ार करोड़ था। मैंने कहा कि हम पूर्ण शराबबंदी भी घोषित कर सकते हैं लेकिन हम पहले यहां से रेवेन्यू कलेक्शन का रास्ता निकाल लें।’
फिर उठाया पूर्ण शराबबंदी का मुद्दा
उमा भारती ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि ‘अब मैंने जो चेकपोस्ट घोटाले का पढ़ा है मीडिया के माध्यम से कि एक सिपाही ने सैंकड़ों करोड़ कमा लिए। सिपाही की तो औकात है ही नहीं सैकड़ों करोड़ कमाने की। इसका मतलब है कि अगर सिपाही ने करोड़ों कमाए है तो किस किसने कितने कमाए हैं। फिर तो दस-बीस हजार करोड़ की साल भर की कमाई है। एक तरफ हम लोगों को कहते हैं कि हमें शराब ज्यादा बेचना इसलिए जरूरी है क्योंकि रेवेन्यू कलेक्ट करना है। और दूसरी तरफ हम इतने बड़े घोटाले को भी अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं। ये तो बहुत बड़ी विसंगति है। मुझे मुख्यमंत्री मोहन यादव बहुत प्रिय हैं..मुझे यकीन है कि वो इस चुनौती को पार करेंगे और इस मामले में किसी भी अपराधी को नहीं छोड़ेंगे।’
कहा ‘व्यापमं से बड़ा है परिवहन घोटाला, मुझे ट्रोल किया गया’
बीजेपी नेता ने कहा कि इस मामले में सौरभ शर्मा अकेला नहीं है। उन्होने कहा कि ‘किसी ने किसी को संरक्षण नहीं दिया है..सब भागीदार हैं। ऐसे बहुत सिपाही निकलेंगे, थाने के दरोगा निकलेंगे, ऊपर के अधिकारी निकलेंगे, कुछ नेता निकलेंगे। ये तो व्यापमं से बड़ा भीषण है। मैं इसको शराबबंदी से जोड़ रही हूं। मुझे इस मामले में यही कहा गया कि पूर्ण शराबबंदी करेंगे तो रेवेन्यू की कमी हो जाएगी। मेरी निंदा की गई..मुझे ट्रोल किया गया। अब सौरभ शर्मा कांड ने बता दिया कि अगर एक सिपाही सौ-दो सौ करोड़ खा सकता है तो चेकपोस्ट में सालभर में कम से कम बीस तीस हज़ार करोड़ का घोटाला हुआ है। वहां ईमानदारी बरतो तो शराबबंदी अपने आप हो जाएगी और रेवेन्यू का हर्जाना पूरा हो जाएगा। इस मामले में जांच एजेंसी की दक्षता और निष्पक्षता पर मुझे पूरा विश्वास है।’