भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सीट पर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। उनके सामने बीजेपी अब तक उम्मीदवार का चयन नहीं कर पाई है। लेकिन बीजेपी नेता लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं कि कोई भी आम कार्यकर्ता दिग्विजय को हराने का मादा रखता है। रविवार को केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दिग्गी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सिलसिलेवार ट्विट कर कहा कि मैं दिग्विजय सिंह जी को 3/4 बहुमत से 2003 में ही शासन से बेदखल कर चुकी हूं। मेरा रोल अब पूरा हो चुका है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कई बीजेपी नेताओं के नामों का सुझाव भी दिया है। जो दिग्गी के सामने डटकर मुकाबला कर उन्हों हरा सकते हैं। उमा ने ट्विट में लिखा है कि, ‘भोपाल से उम्मीदवार तय करने का अधिकार मेरे पास नहीं है। उस पर निर्णय संसदीय दल करता है। किंतु, एक बात तो ध्यान में रखनी पड़ेगी कि दिग्विजय सिंह जी को हराना बिल्कुल भी कठिन काम नहीं है। अब मैं आपको अतीत की याद दिलाती हूं। डॉ लक्ष्मीनारायण पांडे जी से मध्य प्रदेश के उस समय के मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काट्जू विधानसभा का चुनाव हार गए थे। सुमित्रा महाजन जी से 1989 का लोकसभा का इंदौर का चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पीसी सेठी हार गए थे। फिर सतना में कुश्वाहा जी से एवं होशंगाबाद में सरताज सिंह जी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जी चुनाव हार गए थे। भोपाल में तो आलोक संजर, कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, आलोक शर्मा, भगवान दास सबनानि, विश्वास सारंग इनमें से कोई भी दिग्विजय सिंह को चुनाव हरा देगा।’
दिग्विजय को हराना कठिन नहीं
शिवराज सिंह चौहान को लेकर उन्होंने कहा कि शिवराज बहुत बड़े नेता हैं, वह तो 13 साल मुख्यमंत्री रहे, दिग्विजय सिंह को हरा ही देंगे। उमा ने कहा कि मेरा योगदान तो 2003 में ही पूरा हो चुका, मैं दिग्विजय को तीन चौथाई बहुमत से शासन से बेदखल कर चुकी हूं। मेरी भूमिका पूरी हो चुकी। दिग्विजय को हराना कठिन नहीं है।
गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया में इस बात की खबरें आईं थी कि संघ ने उमा भारती को भोपाल से चुनाव लड़ने के लिए मना लिया है और इस बात का औपचारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा। लेकिन सोशल मीडिया पर उमा ने इन अटकलों पर स्वय ही विराम लगा दिया। उन्होंने कहा है कि उनका किरदार 2003 में ही अदा हो चुका है। जब उन्होंंने दिग्गी सरकार को सत्ता से बदखल किया था।