उमंग सिंघार ने आज भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्मार्ट मीटर परियोजना को लेकर एक प्रदेश और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने स्मार्ट मीटर को ‘स्पाई मीटर’ करार देते हुए इसे नागरिकों की निगरानी करने और डेटा जासूसी की आशंका व्यक्त की। इसी के साथ उन्होंने परियोजना में शामिल कंपनियों के विदेशी संपर्क..खासतौर से पाकिस्तानी कनेक्शन और डेटा गोपनीयता के उल्लंघन की आशंकाओं पर भी बात की।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में “स्मार्ट मीटर” के लिए जिस अल्फानार कंपनी को ठेका दिया गया है, उसका मुख्यालय दुबई में है और उसके निवेश संबंध पाकिस्तानी कंपनियों से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले पश्चिम डिस्कॉम ने दस्तावेज़ों की कमी के कारण अल्फानार को ठेका देने से मना किया था लेकिन बाद में पूर्व डिस्कॉम ने इसी कंपनी को 897 करोड़ का ठेका दे दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि लगभग ₹2,000 करोड़ के स्मार्ट मीटर ठेके एक ऐसी कंपनी को दिए गए, जिसे पहले “अयोग्य” घोषित किया गया था।
क्या स्मार्ट मीटर कर रहा है जासूसी, उमंग सिंघार ने लगाए कई आरोप
उमंग सिंघार ने आज भोपाल में प्रेस वार्ता कर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर अब सिर्फ बिजली मापने का साधन नहीं रह गया है, बल्कि नागरिकों की निगरानी और हर घर की जासूसी का माध्यम बन चुका है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 2,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने परियोजना में शामिल कंपनियों सऊदी अरब की Alfanar, दुबई की EsyaSoft Technologies और Landis & Gyr पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सितंबर 2023 में पश्चिम डिस्कॉम ने Alfanar को दस्तावेजों की कमी के कारण अयोग्य घोषित किया था, लेकिन इसके बावजूद जनवरी 2024 में पूर्व डिस्कॉम ने Alfanar को 897 करोड़ रुपये और मध्य डिस्कॉम ने 1,100 करोड़ रुपये का ठेका दिया।
स्मार्ट मीटर का पाकिस्तानी कनेक्शन!
कांग्रेस नेता ने परियोजना में पाकिस्तानी कनेक्शन का आरोप लगाते हुए कहा कि Alfanar के परियोजना GM ज़हर इकबाल शाह और संपर्क अधिकारी नईम अब्बास पाकिस्तानी नागरिक हैं। अक्टूबर 2024 में Alfanar ने पाकिस्तान सरकार के साथ एक MoU साइन किया, जिसके तहत Overseas Employment Corporation स्थापित की गई। उन्होंने कहा कि DPIIT के नियम के अनुसार, पाकिस्तान या बांग्लादेश से जुड़ी कंपनियों को ठेके देने से पहले केंद्र सरकार की अनुमति अनिवार्य है लेकिन इस नियम की अनदेखी की गई।
अडाणी ग्रुप की EsyaSoft में हिस्सेदारी
इसी के साथ उन्होंने अडाणी कनेक्शन का आरोप भी लगाया और कहा कि अप्रैल 2024 में अडाणी ग्रुप ने EsyaSoft में 49% हिस्सेदारी हासिल की, लेकिन इसकी कोई नैतिक या कानूनी जांच नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि Landis and Gyr को उत्तर प्रदेश और हरियाणा में घटिया HT मीटर के कारण ब्लैकलिस्ट किया गया था फिर भी मध्य प्रदेश में इसे ठेके दिए गए।
कांग्रेस ने सरकार से की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग
उमंग सिंघार ने सरकार से सवाल किया है कि “Alfanar को अयोग्य घोषित करने के बाद भी उसे करोड़ों रुपये के ठेके क्यों दिए गए? पाकिस्तानी नागरिकों और MoU की पारदर्शिता पर क्या स्पष्टीकरण है? DPIIT नियमों की अनदेखी क्यों हुई? Adani की हिस्सेदारी के बाद जांच क्यों नहीं की गई? और नागरिकों के KYC डेटा की सुरक्षा और लोकेशन की जानकारी क्यों नहीं दी जा रही? ”
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ बिजली बिल या मीटर इंस्टॉलेशन का नहीं, बल्कि नागरिकों की निजता, आर्थिक और सामरिक सुरक्षा का है। नेता प्रतिपक्ष ने मां की है कि सभी ठेकों, डेटा सुरक्षा और विदेशी कनेक्शनों की गहन जांच हो। उन्होंने कहा कि ये मामला सिर्फ मीटर इंस्टॉलेशन या बिल वृद्धि का नहीं बल्कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर निजता, आर्थिक और सामरिक सुरक्षा से जुड़ा है। हम, विपक्ष, राज्य व केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि सभी ठेकों, डेटा सुरक्षा, विदेशी लिंक की गहन जांच हो एवं जनता के हितों व संवैधानिक अधिकारों पर किसी प्रकार का समझौता न किया जाए।
अयोग्य और पाकिस्तानी लिंक वाली कंपनी को सरकार ने क्यों दिया ₹2000 करोड़ का ठेका!
प्रदेश में लगाए जा रहे “स्मार्ट मीटर” अब सवालों के घेरे में हैं।
जिस कंपनी अल्फानार को यह ठेका दिया गया है, उसका मुख्यालय दुबई में है और उसके निवेश संबंध पाकिस्तानी कंपनियों से जुड़े हुए बताए जा… pic.twitter.com/tQA9oSReiU— Umang Singhar (@UmangSinghar) October 6, 2025





