नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet meeting) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसमें केन बेतवा नदी परियोजना (Ken Betwa River Project) सहित कई अन्य परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PM Awas Yojana, gramin) को 2024 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। हुई बैठक में कहा गया कि सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत 2 करोड़ 95 लाख मकान देने का लक्ष्य रखा है ,जिसमें नवंबर 2021 तक एक करोड़ 65 लाख आवाज बनवाकर जनता को सुपुर्द कर दिया गया है। बाकी बचे परिवार को जल्द पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए पैसा जारी कर दिया गया है।
केन-बेतवा लिंकिंग परियोजना को 2020-21 के मूल्य स्तरों पर 44,605 रूपए करोड़ रुपये की लागत से लागू किए जाने का अनुमान है। कैबिनेट ने परियोजना के लिए 39,317 रूपए करोड़ के केंद्रीय समर्थन को मंजूरी दी है। जिसमें 36,290 रूपए करोड़ का अनुदान और 3,027 रूपए करोड़ का ऋण शामिल है। केन-बेतवा लिंकिंग परियोजना में दौधन बांध के निर्माण के माध्यम से केन नदी से बेतवा नदी तक पानी का हस्तांतरण और दो नदियों को जोड़ने वाली एक नहर, लोअर ओरर परियोजना, कोठा बैराज-और बीना कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना शामिल है।
सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, CDS जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका समेत 11 का दुखद निधन
इस परियोजना से 10.62 लाख हेक्टेयर की वार्षिक सिंचाई, लगभग 62 लाख की आबादी को पेयजल आपूर्ति और 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का अनुमान है। इस परियोजना को आठ साल में पूरा करने का प्रस्ताव है। यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी से अत्यधिक लाभान्वित होगी। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन और उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को भारी लाभ मिलेगा।
बता दें कि 22 मार्च, 2021 को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच देश में पहली बड़ी केंद्र संचालित नदी जोड़ने की परियोजना को लागू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि को लागू करने के लिए अंतर्राज्यीय सहयोग की शुरुआत की शुरुआत करता है, जिसमें नदियों को जोड़ने के माध्यम से सूखा प्रवण और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में अधिशेष वाले क्षेत्रों से पानी ले जाया जाता है।