स्टूडेंट्स की अजीबोगरीब हेयर स्टाइल बनी मुसीबत, स्कूल प्रबंधन ने बुलाई नाई और सैलून मालिकों की मीटिंग, गुज़ारिश ‘हमारे छात्रों का ऐसा हेयरकट न करें’

हर उम्र का अपना जोश होता है..अपने शौक। युवा होते छात्रों को संभालना यूं भी बड़ा टास्क है। ऐसे में अनुशासन का पालन करना और करवाना जरूरी है और इसी क्रम में इस स्कूल को खासी मशक़्क़त करनी पड़ी। स्टूडेंट्स की अतरंगी हेयर स्टाइल का ट्रेंड सीनियर्स से होते हुए जूनियर क्लास तक जा पहुँचा। स्कूल ने इसे लेकर दो बार नोटिस भी जारी किया..लेकिन बेअसर। बच्चों के पैरेंट्स के साथ मीटिंग की गई..वो भी बेनतीजा। इसके बाद शायद ये ऐसा पहला मामला होगा, जहां किसी स्कूल को स्थानीय नाइयों और सैलून वालों के साथ मिलने और बात करने की ज़रूरत पड़ी हो।

Unusual Student Hairstyles in Purulia School

Unusual Student Hairstyles Spark Issue in Purulia School : अब तक आपने स्कूलों में बच्चों की शरारतों के कई किस्से सुने होंगे। पढ़ाई या अनुशासन को लेकर स्कूल की सख्ती भी देखी होगी और कई बार इस कारण नोटिस जारी होते भी। लेकिन क्या आपने कभी ये देखा-सुना है कि स्टूडेंट्स की हेयर स्टाइल स्कूल की परेशानी का कारण बन गई हो। आज हम आपको इस अजीबोग़रीब मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सामने आया है पश्चिम बंगाल से।

जिस स्कूल की बात हो रही है वो स्थित है पुरुलिया जिले में और ये यहां का माना हुआ स्कूल है। लगभग 3100 छात्र संख्या वाले इस स्कूल के स्टूडेंट्स स्टेट बोर्ड रैंकिंग में टॉप 20 में आते हैं और पिछले साल ही दसवीं बोर्ड में दो छात्रों ने राज्य में 12वीं और 14वीं रैंक हासिल की थी। ये यहां के सबसे बड़े स्कूलों में से एक है और इसका रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।

क्या है मामला ?

जिस समस्या की बात हो रही है, उसे लगभग सात महीने पहले पुरुलिया में इस स्कूल के टीचर्स ने नोटिस किया। उन्होंने पाया कि उनके कई विद्यार्थी सेलिब्रिटीज के हेयर स्टाइल की नकल कर रहे हैं। क्रिकेटरों से लेकर फुटबॉलर्स की हेयरस्टाइल इन छात्रों के बीच जैसे लेटेस्ट ट्रेंड बन गया हो। और ये भी कोई आठ दस या बीस छात्रों के बीच नहीं, बल्कि काफी बड़ी तादाद में। पहले तो सीनियर क्लास के स्टूडेंट्स के बीच ये नया फैशन चला और धीरे धीरे जूनियर क्लास तक फैल गया। टीचर्स ने शुरुआत में ऐसे छात्रों को क्लास से बाहर निकलने की सज़ा दी। कोई असर न होने पर उन्हें दो बार नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला।

School Teachers ने बुलाई नाई और सैलून मालिकों की मीटिंग

आख़िरकार स्कूल प्रबंधन ने इन छात्रों के पैरेंट्स से बात की। इसपर भी कोई समाधान नहीं निकला और छात्रों के अजीब हेयर कट का सिलसिला जारी रहा तो स्कूल ने समस्या का हल निकालने के लिए एक अभियान चलाने पर विचार किया। ये अभियान भी उतना ही अजीब था जितनी की समस्या। इसके तहत स्थानीय नाई, हेयर ड्रेसर और सैलून के मालिकों से बात करने पर सहमति बनी। फिर टीचर्स ने इन सबको कॉल किया और मिलने के लिए कहा।

फिर सबकी साझा मीटिंग बुलाई गई। इस मीटिंग में शिक्षकों ने बताया कि उनके स्कूल की बेहद प्रतिष्ठा है और इस तरह के अजीबोगरीब हेयर स्टाइल अनुशासन के खिलाफ़ है। इसी के साथ लोकल नाई, हेयर ड्रेसर और सैलून के मालिकों से आग्रह किया गया कि अगर कोई छात्र उनसे ऐसे किसी भी तरह के हेयरकट करने की माँग करते हैं तो वे मना कर दें। ये भी कहा गया कि भले ही छात्र अपने अभिभावकों के साथ आया हो, लेकिन अगर वो कुछ अतरंगी हेयरकट कराने को बोले तो नाई या सैलून वाले साफ इनकार कर दें। अच्छी बात ये रही कि स्कूल के इस अनुरोध को नाई और सैलून वालों ने स्वीकार कर लिया है। लेकिन ये भी कहा है कि अगर स्टूडेंट किसी और इलाके से ऐसा हेयरकट कराकर आते हैं तो पुरुलिया सैलून ओनर्स एसोसिएशन की उसे लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। इस तरह एक स्कूल को अपना अनुशासन बनाए रखने के लिए नाई और सैलून वालों की मदद लेनी पड़ी है। उम्मीद है कि उनका ये कदम कारगर साबित होगा और स्कूल में उनके स्टूडेंट्स पहले की भांति पूरे अनुशासन का पालन करेंगे।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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