MP Employees DA Hike 2023 : एक तरफ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कर्मचारियों पेंशनरों के डीए बढ़ाने को चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी है, वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों पेंशनरों के डीए पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है और सस्पेंस बरकरार है।हालांकि कर्मचारी संगठनों की नाराजगी के बाद वित्त विभाग ने चुनाव आयोग को फिर से प्रस्ताव भेजा है, लेकिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को इसकी जानकारी ही नहीं है, ऐसे में अब सवाल भी उठ रहे है कि प्रस्ताव भेजा है या नहीं ?इस पूरी स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि कर्मचारियों पेंशनरों को डीए के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। अब शायद नई सरकार बनने के बाद ही डीए पर फैसला होगा, क्योंकि 2 दिन बाद 3 दिसंबर को चुनावी नतीजे आने वाले है।
राज्य सरकार ने वोटिंग से पहले आयोग को भेजा था डीए वृद्धि का प्रस्ताव
दरअसल, मप्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले दीवाली के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि दीपावली के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के शासकीय सेवकों और पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दिया गया है। इससे राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के बराबर हो जाएगा लेकिन 17 नवंंबर को मतदान के चलते चुनाव आयोग ने इस प्रस्ताव को अनुमति प्रदान नहीं की और तर्क दिया था कि यह ऐसा विषय नहीं है कि जिस पर तत्काल अनुमति आवश्यक हो, इसलिए मतदान के बाद इस संबंध में मार्गदर्शन दिया जाएगा यानि चुनाव आयोग ने मतदान के दिन तक भत्ते के भुगतान पर अस्थायी रोक लगाई थी और अब तो 3 दिसंबर को नतीजे भी आने वाले है, बावजूद इसके अबतक कर्मचारियों के डीए पर फैसला नहीं हो पाया है।
देरी के चलते कर्मचारियों में बढ़ी नाराजगी
बीते दिनों कर्मचारी-अधिकारी संगठनों की भी नाराजगी सामने आई थी, उनका कहना था कि चुनाव आयोग ने मतदान के दिन तक डीए भुगतान पर अस्थायी रोक लगाई थी, लेकिन मप्र सरकार जानबूझकर कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों के भुगतान में देर कर रही है, इसके लिए अबतक सरकार द्वारा प्रयास नहीं किया गया है, जबकी राजस्थान छत्तीसगढ़ में अनुमति दे दी गई है। सरकार चाहती तो स्पष्ट अभिमत लेने के लिए चुनाव आयोग को दोबारा पत्र लिखकर अनुमति मांग सकती है, लेकिन ऐसे नहीं हुआ है, इससे कर्मचारियों को हर महीने बड़ा नुकसान हो रहा है। मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का भी कहना है कि राजस्थान छग के बाद अब राज्य सरकार को भी जल्द इस संबंध में पहल करना चाहिए, ताकी कर्मचरियों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।
4 फीसदी वृद्धि के बाद होगा 46 फीसदी डीए
दरअसल, केंद्र सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को जुलाई 2023 से 46 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते का लाभ दे रही है, वही अन्य राज्यों में भी इसे लागू कर दिया गया है, लेकिन मंध्य प्रदेश के कर्मचारियों को वर्तमान में सिर्फ 42 फीसदी डीए का लाभ मिल रहा है, क्योंकि 4 फीसदी वृद्धि पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है। 4 फीसदी वृद्धि के बाद यह 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा। चुंकी यह जुलाई 2023 से लागू होगा, ऐसे में जनवरी से नवंबर तक का एरियर भी मिलेगा। वही 46 फीसदी डीए होने पर कर्मचारियों को 600 रुपए से लेकर 5700 रुपए तक का लाभ होगा। इससे प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी लाभान्वित होंगे। एरियर और भत्ते के साथ सरकार पर कुल 350 करोड़ रुपए का भार आने का अनुमान है।