Teacher Recruitment :शिक्षक भर्ती के लिए दस्तावेजों का सत्यापन 25 मई तक स्थगित

Pooja Khodani
Published on -
teacher recruitment

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शासकीय स्कूल (Government School)में 3 साल से शिक्षक (Teacher) बनने का सपना देख रहे उम्मीदवारों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। कोरोना के चलते एक बार फिर मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 (MP Teacher Eligibility Test 2018) की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment) प्रक्रिया के तहत चलने वाले दस्तावेज के सत्यापन 25 मई तक स्थगित कर दिया गया है।लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of public education) की आयुक्त जयश्री कियावत ने इस संबंध में निर्देश जारी किए है।

संक्रमण के नियंत्रण पर फोकस, शिवराज सिंह चौहान ने प्रभारी मंत्रियों को सौंपी ये बड़ी जिम्मेदारी

लोक शिक्षण आयुक्त  जयश्री कियावत ने प्रदेश के शिक्षा विभाग के समस्त संयुक्त संचालक तथा जिला शिक्षा अधिकारियों को उच्च माध्यमिक, माध्यमिक शिक्षक भर्ती के दस्तावेज के सत्यापन का कार्य स्थगित करने के संबंध में निर्देश जारी किए है।जारी आदेशानुसार उच्च माध्यमिक, माध्यमिक शिक्षक भर्ती के दस्तावेज के सत्यापन का कार्य प्रचलन में था किन्तु कोरोना महामारी के संक्रमण में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण सत्यापन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संक्रमित होने तथा प्रदेश के अधिकांश जिलों में कोरोना कर्फ्यू लगाये जाने से सत्यापन कार्य किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। दस्तावेज के सत्यापन के कार्य को 5 मई तक स्थगित किया गया था। अतः उक्त दस्तावेज के सत्यापन के कार्य को 25 मई तक के लिए स्थगित किया गया है।

बता दे कि स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अंतर्गत 17,000 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद , 5,670 माध्यमिक शिक्षकों के पद और आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 2,220 एवं माध्यमिक के 5,704 पदों पर शिक्षक भर्ती होना है।इसके लिए चयनित अभ्यर्थियों का जुलाई 2020 में दस्तावेज सत्यापन का कार्य शुरू हुआ था, फिर कोरोना के कारण रोक दिया गया।  एक अप्रैल 2021 से फिर दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन कोरोना के कारण 5 मई तक के लिए स्थगित हो गई और अब 25 मई तक  स्थगित कर दिया गया है।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News