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Fri, Dec 19, 2025

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बताया आश्चर्यजनक, कहा ‘भूतपूर्व उपराष्ट्रपति जी बताएं असली परिस्थितियां’

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
विपक्ष लगातार इस इस्तीफे को लेकर सवाल उठा रहा है। अब कांग्रेस नेता ने कहा है कि धनखड़ जी परिस्थितियों का उल्लेख करेंगे तो देश के करोड़ों लोगों को सच्चाई का पता चल पाएगा।
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बताया आश्चर्यजनक, कहा ‘भूतपूर्व उपराष्ट्रपति जी बताएं असली परिस्थितियां’

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। अचानक आए उनके इस इस्तीफे ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस सहित विपक्ष के कई नेता इसे लेकर सवाल कर रहे हैं। अब कांग्रेस मनीष तिवारी ने कहा है कि अगर वे इसका उल्लेख करें कि परिस्थितियां क्या थी तो देश के लोग सच्चाई जान पाएंगे।

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को देश के चौदहवें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। लेकिन एक दिन पहले अचानक उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे अपने पत्र में लिखा स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला दिया है।

राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति का इस्तीफा स्वीकार किया

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे को राष्ट्रपति द्वारा इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने के बाद जल्द ही इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी की जाएगी। उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और अब उनके इस्तीफे के बाद उत्पन्न हुई अनुपस्थिति के कारण यह पद भी फिलहाल खाली है। इन स्थितियों में संविधान के अनुसार साठ दिन के भीतर नया उपराष्ट्रपति चुना जाना चाहिए। संभावना है कि जल्द ही चुनाव आयोग इसकी तारीख और चुनाव काउंसिल नोटिफिकेशन जारी करेगा।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। लेकिन कांग्रेस सहित कई विपक्षी नेता इसे लेकर सवाल कर रहे हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर दबाव में काम कर रहे हैं। अब ये इस्तीफा आने के बाद उन्होंने इसे चौंकाने वाली और संशय से भरी घटना बताया है। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इसे आश्चर्यजनक करार दिया। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा कि ‘भारत के संवैधानिक इतिहास में शायद पहली बार है कि उपरष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया और आनन-फानन में इसे स्वीकार भी कर लिया गया।’ उन्होंने कहा कि अगर भूतपूर्व उपराष्ट्रपति जी इसका उल्लेख करें कि परिस्थितियां क्या थीं तो देश के एक सौ छियालीस करोड़ लोग सच्चाई जान पाएंगे।