भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार काफी हंगामेदार होने की संभावना है। दोनों ही दलों ने प्रहलाद लोधी की सदस्यता के मामले पर अपना अपना रूख साफ कर दिया है। एक ओर भाजपा प्रहलाद लोधी को विधानसभा में लाने पर आड़ी है तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने भी खुलकर इस बात का ऐलान कर दिया है कि उनकी सदस्यता रद्द की जा चुकी है अब उन्हें विधानसभा में एंट्री नहीं मिलेगी।
दरअसल, विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रहलाद लोधी की सदस्यता को रद्द कर दिया था। यही नहीं चुनाव आयोग को भी विधानसभा सीट खाली होने की सूचना भेज दी गई है। लेकिन भाजपा ने इस मामले में हाई कोर्ट की शरण ली जहां से कोर्ट से राहत मिल गई थी। लेकिन स्पीकर ने फिर भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं की। जिसके बाद भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। स्पीकर का कहना है कि मामला कोर्ट में विचारधीन होने के कारण अब लोधी की सदस्यता बहाल नहीं की जा सकती।
इस मामले पर भाजपा के सभी बड़े नेता कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया कि लोधी विधानसभा के सदस्य हैं। वह विधानसभा जरूर जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्री इस मामले पर कोई टिप्पणी न करें। लेकिन जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि लोधी को विधानसभा में आने की अनुमति नहीं मिलेगी। लोधी अपनी सदस्या गंवा चुके हैं। उन्होंने कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है और हाई कोर्ट में उनकी विधानसभा सदस्या पर कोई टीप नहीं की है। हाईकोर्ट ने सज़ा को बरकरार रखा है। लेकिन भाजपा लगातार विधानसभा सदस्यता बहाल करने के लिए दबाव बना रही है। भाजपा अब एक बार फिर सत्र से पहले राज्यपाल से मिलने की योजना बना रही है। पार्टी लोधी की सदस्यता बहाल करने के लिए निवेदन करेगी।