भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप भारतीय हॉकी टीम के सदस्य विवेक सागर को मध्यप्रदेश में पुलिस उप अधीक्षक यानी डीएसपी के पद पर नियुक्ति आदेश जारी हो गया है। लेकिन इस आदेश में इतने सारे किंतु परंतु शामिल है कि विवेक सागर के सामने इस पद को स्थाई करना एक बड़ी चुनौती साबित होगा।
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ओलंपियन विवेक सागर प्रसाद के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि उन्हें डीएसपी बनाया जाएगा। 6 अगस्त को मध्य प्रदेश सरकार के गृह विभाग के आदेश में उन्हें इस पद पर विशेष नियुक्ति का आदेश जारी हो गया। विवेक सागर को दो साल के प्रोबेशन पीरियड पर नियुक्त किया गया है लेकिन साथ ही विवेक सागर को चार साल के भीतर निर्धारित शैक्षणिक अहर्ता यानी कम से कम ग्रेज्युएशन पूरी करनी होगी। इतना ही नहीं आदेश में यह भी लिखा गया है कि विवेक सागर को डीएसपी के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और सभी विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण करने के बाद ही प्रोबेशन पीरियड समाप्त होगा। इस आदेश में यह भी लिखा गया है कि 30 दिन के भीतर विवेक सागर पुलिस मुख्यालय में अपना कार्यभार ग्रहण करें और पुलिस प्रशिक्षण अकादमी भौरी में प्रशिक्षण के लिए उपस्थित हो। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे तो उनका नियुक्ति आदेश निरस्त माना जाएगा।
प्रोबेशन पीरियड में विवेक सागर को सभी आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में प्राप्त कर परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा तथा प्रशिक्षण एवं समस्त परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा अन्यथा सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी। कुल मिलाकर 17 ऐसे बिंदु हैं जो विवेक सागर की नियुक्ति के लिए जोड़े गए हैं जो सामान्यतः सभी अधिकारियों की नियुक्ति में होते हैं। अब ऐसे में सवाल यह है कि विवेक सागर भारत के लिए हॉकी खेले या फिर मध्यप्रदेश में पुलिस उप अधीक्षक के पद पर नियुक्ति पाकर उनके प्रशिक्षण और परीक्षाएं पास करें। जाहिर सी बात है कि नियम और प्रक्रियाओं की जटिलता में फंसी यह नौकरी विवेक सागर के हॉकी के आगे के भविष्य के लिए एक मुसीबत का सबब बन सकती है।
आदेश देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-
https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2021/09/mpbreaking19764860.pdf