इंदौर| किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री सचिन यादव मंच पर भावुक हो गए| वह अपने पिता स्वर्गीय सुभाष यादव की याद कर बोल रहे थे, बोलते बोलते मंत्री यादव भावुक हो गए और उनका गला भर आया| इसके बाद वह थोड़ी देर खामोश रहे| जिसके बाद अपना सम्बोधन जारी रखा| अपने पिता को याद करते हुए सचिन यादव ने कहा पिताजी के जो सपने थे, जनता के आशीर्वाद से उन सपनों को पूरा करने का काम हम करेंगे|
दरअसल, इंदौर के कृषि कॉलेज में किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था| जिसमे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अरुण यादव और कमलनाथ सरकार में कृषि मंत्री सचिन यादव भी शामिल हुए| कृषि मंत्री सचिन यादव मंच से अपने पिता को याद करते हुए बोले कि पिताजी ने मंत्री पद पर रहते हुए किसानों के हित में कई काम किये, तालाब बनाने के लिए उन्होंने हमेशा काम किया| जब भी कोई उनसे किसानों की समस्या लेकर मितला था तो वह तालाब बनाने के लिए किसानों से कहते थे| पिता को याद करते हुए मंत्री यादव भावुक हो गए| इस दौरान उनकी आंखों से आंसू निकल आए। सचिन यादव जब बोल रहे थे उसी दौरान उनके भाई अरुण यादव भी मंच पर मौजूद थे, वे भी भाई की बात पर रुमाल से अपनी आंखे पोछते दिखाई दिए| मंत्री यादव ने कहा पिताजी के किसानों के लिए जितने भी अधूरे सपने उनको पूरा करने का काम करेंगे| सचिन यादव ने कहा कि पिताजी कहते थे कि अगर किसानों को खुशहाल बनाना है तो उनके खेत में सिंचाई की व्यवस्था करनी पड़ेगी| कृषि महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में सचिन ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. सुभाष यादव ने इसी कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
बता दें कि खरगोन जिले के ग्राम बोरावां में एक अप्रैल 1946 को कृषक परिवार में जन्मे सुभाष यादव ने कृषि स्नातक की थी। उन्होंने उन्नत खेती के कई सफल प्रयोग भी किए थे। लंबी बीमारी के बाद 26 जून 2013 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने वर्ष 1980 में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक का अध्यक्ष मनोनीत किया था। 1980 और 1985 में दो बार खरगोन लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के संसद सदस्य बने। 1993 में खरगोन जिले की कसरावद विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री बने। उन्होंने उप मुख्यमंत्री के रूप में कृषि सहकारिता जल संसाधन और नर्मदा घाटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला।