भोपाल।
मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) में पल-पल बदलते सियासी मामले किसी बड़ी रणनीति को दावत देने की फिराक में है। वही हर दिन सियासी गलियारों का शोर तेज होता जा रहा है। एक तरफ जहां पार्टी आगामी उपचुनाव(Upcoming by-elections ) को लेकर अपनी कार्यशैली के साथ खुलकर मैदान में आ गई है। वहीं दूसरी तरफ एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। एक तरफ जहां बीजेपी(bjp) कांग्रेस(congress) की नेतृत्व क्षमता और उनके 15 महीने के असफल सरकार को उपचुनाव का एजेंडा(agenda) बनाए हुए हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी लगातार विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेर रही है। इसी बीच अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा(Senior Congress leader and former cabinet minister Sajjan Singh Verma) ने बीजेपी पर जुबानी हमले किए हैं। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि बीजेपी को सुब्रमण्यम स्वामी(Subramanyam Swami) को देशद्रोही करार देना चाहिए।
दरअसल गुरुवार को सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ही पार्टी और केंद्र में बैठी मोदी सरकार के विरुद्ध बोलते हुए बड़ा खुलासा किया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि भारत की विकास दर इस साल – 6 से -9% रह सकती है। वहीं उन्होंने कहा था कि इस वर्ष जीडीपी बढ़ने का जो दावा केंद्र सरकार कर रही है वह कहीं से भी सही नहीं है। जिसके बाद कांग्रेसी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि मोदी सरकार स्वामी सुब्रमण्यम को भी देशद्रोही करार देकर उन्हें पाकिस्तान जाने की नसीहत दे सकती है। इसके साथ ही सज्जन सिंह वर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने सरकार को आईना दिखाने का प्रयास किया है। वहीं एक के बाद एक लगातार ट्वीट करते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज सरकार को भी आड़े हाथ लिया है। दरअसल मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद राज्य शासन पर सवाल उठाते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में अब शवराज चरम पर पहुंच गया है। वहीं एक अन्य ट्वीट में शिवराज सरकार पर कड़ा निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह ने प्रदेश में इतिहास तो रच दिया किंतु यह काला इतिहास है।
बता दे कि मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। बीते दिन कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधायकी से इस्तीफा दे बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। जहां 12 दिन में यह तीसरे विधायक ने कांग्रेस को छोड़ा था। इसके बाद से कॉन्ग्रेस लगातार भाजपा पर आक्रमक हो रही है। वहीं प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने है। अब देखना है की पार्टी से लगातार कट रहे विधायकों को लेकर कांग्रेस की रणनीति क्या होती है।