क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर थामेंगे कांग्रेस का हाथ! बीजेपी से ‘महाराज’ की नाराजगी की खबरों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने किया ये इशारा

सिंधिया के विजयपुर उपचुनाव को लेकर दिए गए बयान 'मुझे बुलाया जाता तो ज़रूर जाता' के बाद से ही राजनीतिक हलकों में ये चर्चा आम है कि वे अपनी उपेक्षा से आहत हैं। और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब उनकी अनदेखी की खबरें सामने आई हो। इस बीच राहुल गांधी के साथ उनकी 'हाथ मिलाने' की तस्वीरें वायरल हुई हैं और इनमें दोनों नेताओं की बॉडी-लैंग्वेज से लग रहा है जैसे पुरानी दोस्ती के दिन लौट आए हों। इसीलिए ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या सिंधिया की कांग्रेस में वापसी हो रही है।

Jyotiraditya Scindia

Is Jyotiraditya Scindia Returning to Congress : क्या ज्योदिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस में वापसी हो रही है ? क्या वे फिर कांग्रेस का हाथ थामने जा रहे हैं ? 26 नवंबर को संसद के सेंट्रल हॉल में राहुल गांधी और सिंधिया के ‘हाथ मिलाने’ के बाद से सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाएं जारी हैं। वहीं, मध्यप्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस सवाल को लेकर कुछ ऐसी बात कही है, जो इन चर्चाओं को और हवा देती है।

राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की ये मुलाकात भारतीय राजनीति एक दिलचस्प घटना के रूप में देखी जा रही है। दोनों नेताओं के बीच कभी घनिष्ठ मित्रता थी, लेकिन बदलते समय और राजनीतिक घटनाक्रम ने उन्हें एक दूसरे का प्रतिद्वंद्वी बना दिया। मार्च 2020 में सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने और इस कारण मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद से दोनों नेताओं के रिश्ते में दरार आ गई। इसके बाद दोनों ने सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे पर कई बार तीखे हमले भी किए। लेकिन अब फिर उनके ‘हाथ मिलाने’ की तस्वीरों के बाद से नए समीकरणों को लेकर चर्चाएं जारी हैं।

क्या बीजेपी से नाराज़ हैं ‘महाराज’

पिछले दिनों सिंधिया अपने बयान को लेकर खबरों में रहे। पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विजयपुर उपचनाव में उन्हें प्रचार के लिए बुलाया नहीं गया, अगर कहा जाता तो वे ज़रूर जाते। इस बयान के बाद ये सवाल भी उठे कि क्या ‘महाराज’ की बीजेपी को लेकर कुछ नाराजगी है। और ये सवाल कोई पहली बार नहीं उठे हैं। इससे पूर्व भी कई ऐसे मौके आए हैं जब उन्हें नज़रअंदाज़ किए जाने की खबरें आती रही हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेता भी इसे लेकर कटाक्ष करते रहे हैं कि जिन्हें यहां ‘महाराज’ कहकर सम्मान दिया जाता था, बीजेपी में जाते ही उनकी हालत किसी सामान्य कार्यकर्ता जैसी हो गई है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस में वापसी होगी ?

तो क्या अब ‘महाराज’ की कांग्रेस में वापसी हो रही है ?  दरअसल, दिल्ली संसद भवन में संविधान दिवस के कार्यक्रम के बाद सेंट्रल हॉल से निकलते समय राहुल गांधी और सिंधिया की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं..उन्होंने इस खबर को हवा दे दी है। कभी करीबी दोस्त रहे ये दोनों नेता एक बार फिर एक दूसरे का हाथ थामें नज़र आए। मार्च 2020 के बाद संभवतः ये उनकी पहली ऐसी सार्वजनिक तस्वीर है, जहां दोनों एक दूसरे के साथ आत्मीयता से मिल रहे हैं। उसके बाद से राजनीतिक गलियारों में ये अटकलें शुरु हो गई हैं कि क्या सिंधिया के कांग्रेस में वापसी के समीकरण बन रहे हैं।

इस सवाल पर सज्जन वर्मा ने कही ये बड़ी बात

इसे लेकर जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से सवाल किया गया तो पहले तो उन्होंने एक ज़ोरदार ठहाका लगाया और फिर कहा कि अभी कुछ समय तक ये अटकलें लगती रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘मैं समझता हूं कि अहसास सिंधिया जी को हो जाए। इतने बड़े नेता को बीजेपी ने इतना छोटा कद का बना दिया ये अहसास सिंधिया जी को होना चाहिए। इस बारे में खुलासा बाद में होगा’। इसी के साथ सज्जन वर्मा ने कहा कि ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया को अहसास हो गया होगा कि सगे सगे होते हैं..सौतेले सौतेले होते हैं। भाजपा ने आपके साथ सौतेला व्यवहार किया..उनने कोई गलत नहीं किया। आपकी टेरीटरी माना जाती थी..महाराज सिंधिया कि टेरीटरी है पूरा चंबल संभाग। और आज ये स्थिति हो गई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पूछा भी नहीं गया। ये फर्क है कांग्रेस और बीजेपी में। जब भी काम निकल जाता है दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंकती है बीजेपी, वो स्थिति सिंधिया जी की हो गई है। मुझे आश्चर्य इस बात का है कि एक एमएलए उनकी बात का जवाब दे रहे हैं, खंडन कर रहे हैं, ये उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।’ बहरहाल, सज्जन वर्मा ने सिंधिया के कांग्रेस में आने की अटकलों को खारिज नहीं किया है और कहा है कि समय के साथ इस बात का जवाब मिल जाएगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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