आगर मालवा। गिरीश सक्सेना।
चुनाव प्रचार में प्रदेश के मामा उर्फ मप्र के सीएम शिवराजसिंह चौहान जहां भी गए वहां लगभग सभी जगह उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूल में जाने वाली भांजियों और भांजो को सायकल और गणवेश मुफ्त भी दिए है ।ऐसा ही कुछ संबोधन उन्होंने आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी के लिए सभा को संबोधित करते हुए मंच से भी दिया था । हालांकि यहां से जाते समय जब सीएम जनता से मिले तब जनता में से कुछ आवाज ऐसी भी आई जो सीएम से पूछ रही थी कि जब सब को मिले तो फिर हमारे बच्चों को सायकल और गणवेश अभी तक क्यो नही मिले है पर जनता की यह आवाज वहां मच रहे शोर और सीएम की जल्द निकलने की मजबूरी के बीच कुछ इस तरह खो गयी मानो किसी ने कुछ कहा ही नही हो और किसी ने कुछ सुना ही ना हो।
हम आपको बता दे कि आगर मालवा जिले में अभी तक छात्र छात्राओं को सायकल और गणवेश का वितरण नही हुआ है जबकि वर्तमान शेक्षणिक सत्र आधे से भी अधिक बीत चुका है । “यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब गणवेश हेतु करीब 2 करोड़ 23 लाख से अधिक की राशि अगस्त प्रथम सप्ताह में शासन ने जिम्मेदारों के खातों में डाल दी हो और इन्ही छात्रो वितरित करने वाली सायकले पिछले काफी समय से विभिन्न सरकारी कार्योलयों में रखे रखे धूल खा रही हो ।”यदि बात गणवेश की करी जाय तो राशि आने के बाद भी यह मसला शिक्षा विभाग (जिसे छात्रो को गणवेश वितरित करना है) और एनआरएलएम विभाग (जिस पर गणवेश तैयार करने की जिम्मेदारी है ) के बीच कुछ इस प्रकार उलझा है कि छात्रो की सत्र प्रारम्भ होने के साथ शुरू हुई आस अभी तक अधूरी है ।
इस लेटलतीफी के लिए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के. के. अग्रवाल ने एनआरएलएम को जिम्मेदार बताया है तो वही एनआरएलएम के डीपीएम हेमंत रामावत अधिकृत रूप से कुछ बताना ही नही चाह रहे है पर सूत्रों से मिली जानकारी को यदि सही माना जाए तो यह सारी लेट लतीफी इसलिए हुई है क्योंकि कुछ माननीयो के हितों की रक्षा में छात्रो का हित काफी पीछे छूट गया है ।खैर अब सवाल यह है कि चुनावी वर्ष में जिम्मेदारों की यह लापरवाही क्या मामा पर भारी पड़ेगी ?पर यदि इसका प्रभाव पड़ा तो आगर मालवा जिले की दोनों विधानसभा सीटे जहां पर इस बार भाजपा प्रत्याशियों को जोरदार चुनोती मिलने की संभावना जताई जा रही है को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।