शीतकालीन सत्र समय से पहले समाप्त, विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भारी हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।  17 दिसम्बर से शुरू हुआ सत्र 23 दिसम्बर तक चलना था। लेकिन सदन में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच स्पीकर एनपी प्रजापति ने  शीतकालीन सत्र समय से पहले समाप्त करते हुए विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।।

विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच सत्ता पक्ष ने विधेयकों को पारित करा लिया। विपक्षी विधायक अनेकों मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष को घेरते हुए गर्वग्रह तक पहुंच गए। शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वान, अतिथि शिक्षक और संविदा शिक्षकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह सभी लोग परेशान हैं। अतिथि विद्वान मुंडन करा रहे हैं सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है। डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने पूछा कि कांग्रेस ने वचन पत्र में इन्हें नियमितीकरण करने का वादा किया था कि नहीं। इसका जवाब जीतू पटवारी ने देते हुए कहा कि वचन पत्र में जो वादे किए गए हैं, वह हर हाल में पूरे किए जाएंगे। अतिथि विद्वानों के लिए कार्य योजना बनाई जा चुकी है। किसी भी अतिथि विद्वान को निकाला नहीं जाएगा, अतिरिक्त पद बनाए जा रहे हैं। डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मंत्री अतिथि विद्वानों को धमका रहे हैं। 


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