विश्व पुस्तक दिवस: साहित्य, संस्कृति और सृजनशीलता का सम्मान, जानिए इस दिन का उद्देश्य और महत्व

क्या आप जानते हैं कि पुरानी किताबों की अनोखी गंध लिग्निन नामक रसायन के कारण होती है, जो कागज में मौजूद होता है और समय के साथ टूटने लगता है। इसे 'बिब्लियोस्मिया' कहते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय 'लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस' वाशिंगटन डीसी में है जहां 170 मिलियन से ज्यादा किताबें और अन्य सामग्रियां हैं। भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों में विशाल पुस्तकालय थे। आज भी, कोलकाता का नेशनल लाइब्रेरी भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। 1971 में माइकल एस. हार्ट ने पहली ई-बुक बनाई जिसका नाम 'डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस थी।

World Book and Copyright Day : आज विश्व पुस्तक दिवस है। हर साल 23 अप्रैल को यह दिन पुस्तकों के महत्व, साहित्यिक संस्कृति को बढ़ावा देने और पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया यह आयोजन ज्ञान, संस्कृति और रचनात्मकता के महत्व को रेखांकित करता है।

पुस्तकें मानव सभ्यता की नींव हैं। ये न सिर्फ ज्ञान का भंडार हैं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का माध्यम भी हैं। पुस्तकें अज्ञानता के अंधकार को दूर कर जीवन को ज्ञान की ज्योति से प्रकाशित करती हैं। ये शिक्षा, करूणा , सहानुभूति, आत्म-जागरूकता और प्रेरणा प्रदान करती हैं। आज के दिन सीएम डॉ. मोहन यादव ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास

यूनेस्को (UNESCO) ने 1995 में 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस (World Book and Copyright Day) के रूप में घोषित किया। 23 अप्रैल का चयन इसलिए किया गया क्योंकि इस दिन विश्व साहित्य के तीन महान लेखकों विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वांतेस और इंका गार्सिलासो दे ला वेगा की पुण्यतिथि है।

पुस्तकों का महत्व

जैसे दीपक अंधकार में प्रकाश फैलाता है, वैसे ही पुस्तकें अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी से जीवन को प्रकाशित करती हैं। पुस्कतें ज्ञान का भंडार होती हैं..इनसे हमें पुस्तकें हमें विविध विषयों की जानकारी मिलती हैं। साहित्यिक पुस्तकों से मानवीय मूल्यों का विकास होता है। पढ़ने से दिमाग में नए विचारों का जन्म होता है..ये कल्पना और रचनात्मकता को विस्तार देती हैं। पढ़ना तनाव को कम करने और ध्यान केंद्रित करने में भी मददगार होता है। पुस्तकें हमें समझ, सहानुभूति और विवेक प्रदान करती हैं, जिससे हमें जीवन की दिशा तय करने में सहायता मिलती है।

विश्व पुस्तक दिवस का उद्देश्य

विश्व पुस्तक दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं सहित सभी आयु वर्ग में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना, साहित्य के प्रति जागरूकता फैलाना और कॉपीराइट संरक्षण को बढ़ावा देना है। आज के दिन दुनियाभर में स्कूलों, पुस्तकालयों और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लेखक पाठ, पुस्तक मेले और साहित्यिक चर्चाएं होती हैं। विश्व पुस्तक दिवस हमें याद दिलाता है कि पुस्तकें सिर्फ कागज के पन्ने नहीं, बल्कि ज्ञान और प्रेरणा का खजाना हैं। आज के दिन हम भी ये संकल्प ले सकते हैं कि पुस्तकों को हमेशा अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखेंगे और साहित्य की रोशनी से अपने आप को थोड़ा और समृद्ध बनाएंगे।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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