विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का शुभारंभ, मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार वितरित किए

मुख्यमंत्री ने भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में राज्य स्तरीय वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार देने के साथ ही छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है और महाराष्ट्र सरकार के साथ तापी मेगा रिचार्ज परियोजना पर सहमति बन चुकी है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में इस वर्ष के “एक पेड़ माँ के नाम’’ अभियान का शुभारंभ किया। इसी के साथ उन्होंने मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार का वितरण भी किया। बता दें कि पीएम मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बीजेपी ने 5 जून से लेकर 15 अगस्त तक बूथ-बूथ पर पौधारोपण करने का संकल्प लिया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी से पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘जल है तो कल है। हमें मिलकर अपनी धरती को हरा-भरा और जल स्रोतों को स्वच्छ रखना है’। साथ ही ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।

मुख्यमंत्री ने किया “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस पर इस साल के लिए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का शुभारंभ करते हुए पेड़ों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश हरियाली और नदियों के मामले में बेहद समृद्ध है। हमपर प्रकृति का आशीर्वाद है। जल गंगा संरक्षण अभियान के तहत प्रदेश में कुएं बावड़ी आदि को साफ करने और रिचार्ज करने का काम किया जा रहा है। अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है पूरे देश में जब नदियों की सूची बनाई गई तो मध्यप्रदेश से प्रवाहित होने वाली और उद्गम होने वाली 247 नदियों की लिस्ट बनी है। सीएम ने कहा कि हमारी सनातन परंपरा और संस्कृति में पेड़ों को नदियों को और धरती को ईश्वरतुल्य माना गया है और हम सभी को इनके संरक्षण के लिए संकल्प लेकर एकजुटता के साथ आगे बढ़ना होगा।

जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ता मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी महाराष्ट्र सरकार के साथ तापी मेगा रिचार्ज परियोजना पर सहमति बन चुकी है। इस परियोजना के अंतर्गत बांध निर्माण कर प्राकृतिक रूप से भू-जल को रिचार्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल भंडारण क्षेत्र में यह एक अभिनव और अनोखा प्रयोग सिद्ध होगा। जब बांधों का निर्माण होता है, तो न सिर्फ किसानों को लाभ मिलता है, बल्कि सिंचाई का रकबा भी व्यापक रूप से बढ़ता है। अब मध्यप्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़कर 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से ही जीवन है और हम सबको ये बात समझना आवश्यक है।

वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार वितरण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार का वितरण भी किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वाली इकाइयों एवं संस्थानों को मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार प्रदान कर अपनी शुभकामनाएं दी। साथ ही जलवायु परिवर्तन विषय पर पीएचडी करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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