World Environmental Health Day : स्वच्छ पर्यावरण स्वस्थ समाज, विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस पर जानिए इस दिन का महत्व और थीम

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के बीच के गहरे संबंधों को उजागर करना और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। हमारे स्वास्थ्य पर प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षति के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है।

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World Environmental Health Day : आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस है। हर साल 26 सितंबर को यह दिन स्वच्छ हवा, पानी, स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे प्रमुख मुद्दों से निपटने के उद्देश्य से मनाया जाता है। ये दिन एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डालता है और हमें याद दिलाता है कि कैसे हमारी पृथ्वी और उसके वातावरण का स्वास्थ्य हमारी भलाई से निकटता से जुड़ा हुआ है और पर्यावरण संरक्षण की उपेक्षा प्रकृति और पृथ्वी के जीव..सभी को खतरे में डाल सकती है।

सीएम डॉ मोहन यादव ने आज के दिन बधाई देते हुए कहा है कि ‘विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और संरक्षा के साथ जल और वायु गुणवत्ता के प्रति जागरूक करता यह अवसर प्रेरित करता है कि प्रकृति की सेवा के प्रयासों में हम सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें, विशेषकर पौधरोपण के माध्यम से धरा को हरा-भरा बनाएं।’

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का महत्व

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ (IFEH) ने मानव स्वास्थ्य के लिए पर्यावरणीय देखभाल के महत्व पर जोर देने के लिए 2011 में विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी। हमारे पर्यावरण की स्थिति मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गहरा प्रभाव डालती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, स्वस्थ वातावरण बनाने से वैश्विक बीमारी के लगभग एक-चौथाई बोझ को रोका जा सकता है। स्वच्छ हवा, स्थिर जलवायु पैटर्न, सुरक्षित पेयजल तक पहुंच, स्वच्छता, साफ-सफाई, सुरक्षित रासायनिक उपयोग, टिकाऊ कृषि, स्वास्थ्य-समर्थक शहरी क्षेत्र और प्रकृति का संरक्षण स्वस्थ पर्यावरण को बनाए रखने के लिए प्रमुख अभ्यास है। ये सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य में योगदान करते हैं।

इस साल की थीम

इस बार विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस की थीम ‘पर्यावरणीय स्वास्थ्य: आपदा जोखिम में कमी, जलवायु परिवर्तन में कमी और अनुकूलन के माध्यम से समुदायों का निर्माण’ (Environmental Health: Creating Resilient Communities through Disaster Risk Reduction and Climate Change Mitigation and Adaptation) रखी गई है। यह पर्यावरणीय स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम प्रबंधन के बीच संबंध पर जोर देता है, लचीले समुदायों का आह्वान करता है जो जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों का समाधान कर सकते हैं।

विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

आज के दिन विभिन्न प्रकार की जागरूकता गतिविधियाँ जैसे सेमिनार, वर्कशॉप और चर्चाएँ आयोजित की जाती हैं, ताकि लोगों को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा सके। इस तरह, विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हमें पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को याद दिलाता है, जिससे न केवल हमारा स्वास्थ्य बल्कि हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहे।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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