World Human Rights Day 2024 : विश्व मानवाधिकार दिवस पर जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

आज का दिन दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने, भेदभाव और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और सभी के लिए समानता और गरिमा सुनिश्चित करने का अवसर है। विश्व मानवाधिकार दिवस हमें याद दिलाता है कि ये बुनियादी अधिकार हर व्यक्ति के लिए समान हैं और इनकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। आज के दिन सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी से अपने मानवाधिकारों के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया है। 

Shruty Kushwaha
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World Human Rights Day 2024 : आज विश्व मानवाधिकार दिवस है। हर साल 10 दिसंबर को ये दिन मानवाधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह उन मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ाने के लिए समर्पित है जो हर व्यक्ति को उसके जन्म से मिलते हैं जैसे कि जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा का अधिकार।

सीएम डॉ मोहन यादव ने विश्व मानवाधिकार दिवस पर अपने अधिकारों का संरक्षण करते हुए देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि ”विश्व मानवाधिकार दिवस’ सम्मान, स्वाभिमान एवं समानता के साथ मानव अधिकारों की रक्षा के प्रति जागरूक करता है। संविधान ने उत्थान, प्रगति एवं गरिमा को बनाए रखने हेतु सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार दिए हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि इनका संरक्षण करते हुए देश के विकास में योगदान दें।’

मानवाधिकार क्या होते हैं

मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जो हर व्यक्ति को मानव होने के नाते प्राप्त हैं। मानवाधिकार किसी सरकार या राज्य द्वारा दिए गए नहीं होते, बल्कि ये जन्म से ही प्राप्त बुनियादी अधिकार हैं। ये अधिकार किसी की नस्ल, लिंग, राष्ट्रीयता या विचारधारा से परे होते हैं और सभी के लिए समानता और गरिमा सुनिश्चित करते हैं। इन अधिकारों में बुनियादी अधिकार जैसे जीवन का अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार शामिल हैं।

मानवाधिकार आपस में जुड़े होते हैं और एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। इसका मतलब है कि एक अधिकार को पूरा करने के लिए अक्सर दूसरे अधिकारों की जरूरत होती है। जैसे, शिक्षा का अधिकार चुनाव में मतदान जैसे राजनीतिक अधिकारों को इस्तेमाल करने के लिए जरूरी है। इसी तरह, स्वास्थ्य का अधिकार और साफ पानी तक पहुंच जीवन और सम्मान के अधिकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर एक क्षेत्र में काम किया जाए, तो दूसरे क्षेत्रों में भी सुधार हो सकता है, जैसे कि लैंगिक समानता और गरीबी मिटाना। लेकिन अगर किसी एक अधिकार को नजरअंदाज किया जाए, तो इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो लोगों और समाज को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

मुख्य मानवाधिकार

  • जीवन का अधिकार – हर व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार है।
  • स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार – यातना, गुलामी और अन्य शोषण से मुक्ति का अधिकार।
  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार – अपनी बात कहने और विचार रखने का अधिकार।
  • शिक्षा का अधिकार – हर व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने का हक है।
  • स्वास्थ्य का अधिकार – स्वास्थ्य सेवाओं और साफ पानी तक पहुंच का अधिकार।
  • समानता का अधिकार – कानून के तहत हर व्यक्ति को समान माना जाता है।

विश्व मानवाधिकार दिवस का इतिहास

10 दिसंबर 1948 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा” (Universal Declaration of Human Rights – UDHR) को अपनाया। यह ऐतिहासिक दस्तावेज मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए पहली वैश्विक और व्यापक रूपरेखा थी। UDHR का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के बुनियादी अधिकार और स्वतंत्रता मिले। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए अमानवीय अत्याचारों और मानवाधिकारों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन ने एक वैश्विक दस्तावेज की आवश्यकता को स्पष्ट किया। इसीलिए UDHR का निर्माण किया गया, जो इतिहास में मानवाधिकारों की पहली सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत घोषणा बनी। 4 दिसंबर 1950 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव (Resolution 423(V)) पारित किया, जिसमें 10 दिसंबर को हर साल “विश्व मानवाधिकार दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसका उद्देश्य सभी देशों और लोगों को मानवाधिकारों के महत्व और उनकी रक्षा के लिए प्रेरित करना था।

इस दिन की विशेषताएं और महत्व

मानवाधिकार सामाजिक न्याय, समानता और शांति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये अधिकार हर व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करते हैं और असमानताओं को खत्म करने में मदद करते हैं। ये अधिकार सार्वभौमिक हैं, यानी सभी देशों और समाजों में लागू होते हैं। ये अपरिवर्तनीय हैं, यानी इन्हें किसी से छीना नहीं जा सकता, सिवाय कानूनी प्रक्रिया के तहत। ये अधिकार परस्पर निर्भर और अविभाज्य हैं, यानी एक अधिकार का उपयोग अन्य अधिकारों से जुड़ा होता है। मानवाधिकार सामाजिक न्याय, समानता और शांति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये अधिकार हर व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करते हैं और असमानताओं को खत्म करने में मदद करते हैं।

इस साल की थीम

इस वर्ष की थीम ‘हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी’ (Our Rights, Our Future, Right Now) है। इस वर्ष की थीम का उद्देश्य हमारे रोजमर्रा के जीवन में मानवाधिकारों के महत्व और प्रासंगिकता को मान्यता देना है। हमारे पास नफरत भरे भाषण के खिलाफ आवाज उठाने, गलत जानकारी को सुधारने और फर्जी जानकारी का मुकाबला करने के लिए एक अवसर है। यह वह समय है जब हमें मानवाधिकारों के लिए वैश्विक आंदोलन को फिर से सक्रिय करने की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।मानवाधिकार व्यक्तियों और समुदायों को एक बेहतर कल बनाने के लिए सशक्त कर सकते हैं। जब हम मानवाधिकारों की पूरी ताकत को अपनाते हैं और इसे एक ऐसा रास्ता मानते हैं जो हमें वह दुनिया दिला सकता है, जिसे हम चाहते हैं, तो हम अधिक शांति, समानता और स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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