सर्दियों में रोज पिएं आंवला की चाय, कम वर्कआउट के बाद भी घटेगा वजन।

हेलथ, डेस्क रिपोर्ट। सर्दियों का एक बड़ा नुकसान ये है कि इस ठंडे मौसम में वजन बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. इसकी कई अलग अलग वजह हो सकती हैं। एक तो सर्दी में बार बार कुछ न कुछ खाने का मन होता है, दूसरा लिहाफ या जैकेट की गर्माहट मिले तो वर्कआउट पर भी आलस हावी हो जाता है। हालांकि कुछ लोग अपनी सेहत के लिए संजीदा रहते हैं, जबकि कईयों के लिए सर्दियों में ये काम सबसे मुश्किल हो जाता है। ऐसे लोगों को जरूरत पड़ती है किसी ऐसी चीज की जो उनकी वेट लॉस की जर्नी को कायम रख सकें।

आंवला टी यानि कि आंवला की चाय इसके लिए अच्छा विकल्प हो सकती है। वैसे भी आंवला सर्दियों भर अच्छी मात्रा में उपलब्ध रहता है, सिर्फ वेटलॉस ही नहीं आंवले में और भी बहुत से गुण हैं जिनका फायदा उठाया जा सकता है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।