सर्दियों में जी भरकर पिएं मूली के पत्तों का जूस, सेहत को होंगे कई फायदे

हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। सर्दी और मूली दोनों का गहरा नाता है। सर्दी में ताजी ताजी मूली देखकर ही मूली के पराठें, मूली की भाजी या सलाद में मूली न जाने कितने आइटम याद आन लगते हैं। वैसे तो मूली के पत्ते मिलाकर ही मूली की भाजी तैयार की जाती है पर, इसके पत्तों का और भी कई तरह से उपयोग हो सकता है। अगर आप ताजी मूली के पत्तों को बेकार समझ कर फेंक देते हैं तो जरा रूकिए क्योंकि ये हरे भरे पत्ते कितने फायदेमंद हो सकते हैं आपको इसका अंदाज़ शायद नहीं है। इतना ही नहीं अनेकों फायदों के साथ मूली के पत्ते कई रोगों का असरदार इलाज भी साबित हो सकते हैं। जानते हैं क्या हैं फायदे।

प्रोटीन से भरपूर


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।