Bone-Spine Problem : आज के समय में हमारी जीवनशैली बहुत बदल गई है। कमर दर्द, पीठ दर्द और पैर दर्द जैसी समस्याएं अब युवाओं में भी आम होती जा रही हैं, जिसका मुख्य कारण लंबे समय तक एक जगह बैठे रहना है। वहीं अगर आप भी ऑफिस में लगातार आठ से नौ घंटे काम करते हैं, तो आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल आज हम इस खबर में आपको उन समस्याओं से अवगत कराएंगे जो लंबे समय तक बैठने से होती हैं।
बैठने की आदत को सुधारना जरूरी:
दरअसल लंबे समय तक बैठने से आपकी बैठने की शैली में परिवर्तन आ सकता है। अगर आप भी झुके हुए कंधे और झुकी हुई कमर के साथ बैठते है तो यह सही नहीं है। दरअसल इससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव आ सकता है और आपको मस्कुलोस्केलेटल दर्द भी महसूस हो सकता है। वहीं आप उचित बैठने के लिए एर्गोनोमिक फर्नीचर और उपकरण की सहायता ले सकते हैं। इसके साथ ही आप अपनी मुद्रा को अच्छा बनाए रखने के लिए नियमित ब्रेक अवश्य लें। इसके साथ साथ सही मुद्रा के लिए कोर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम भी जरूर करें।
साइटिका और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं
इसके साथ ही लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी के एल-1 से लेकर एल-5 तक में समस्या हो सकती है। इससे साइटिका, रीढ़ की हड्डी में दर्द, पीठ-कमर और पैरों में असहनीय दर्द हो सकता है। इसीलिए यह बहुत जोरोरी है की आप अपने बैठने के तरीके पर ध्यान जरूर दें।
मोटापा बढ़ सकता है।
दरअसल यदि आप एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो, उससे पेट की चर्बी और मोटापा बढ़ने की संभावना और अधिक बाद जाती है, क्योंकि इस स्थिति में कैलोरी बर्न होने की संभावना कम हो जाती है। जानकारी के अनुसार चलने या खड़े होने की तुलना में बैठने से कम कैलोरी बर्न होती है। वहीं नियमित ब्रेक लेकर, टहलकर और खड़े रहने की कोशिश आपको अपने काम के दौरान करना चाहिए। जबकि मीटिंग के दौरान खड़ा होना भी एक अच्छा तरीका है। इसके साथ ही सीढ़ियाँ चढ़ना भी एक अच्छी आदत हो सकती है।
हृदय रोग की हो सकती है समस्या:
इसके साथ ही लंबे समय तक बैठने से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बन सकता है। दरअसल इसका मुख्य कारण रक्त प्रवाह और मेटाबॉलिज्म का धीमा होना होता है। इसीलिए लंबे समय तक बैठने के बाद छोटी-छोटी गतिविधियाँ करना बहुत महत्वपूर्ण है। जैसे आप हर घंटे कुछ मिनट खड़े हों जाए या फिर थोड़ी देर टहल लें। इसके साथ ही पैदल चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे हृदय संबंधी व्यायाम अपनी दिनचर्या में शामिल जरूर करें।
(Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।)