Brain Tumor की शुरुआत इन्हीं 5 आदतों से होती है, नंबर 3 कर रही है सबसे ज़्यादा नुकसान

ब्रेन हेल्थ को नजरअंदाज करना अब भारी पड़ सकता है। कुछ आम आदतें धीरे-धीरे आपके दिमाग को अंदर से खोखला कर रही हैं। जानिए वो 5 बुरी आदतें जो ब्रेन ट्यूमर के खतरे को चुपचाप बढ़ा रही हैं, और कैसे समय रहते इनसे बचा जा सकता है।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपने शरीर से ज्यादा अपने फोन की बैटरी को लेकर चिंतित रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कुछ आम और रोज़मर्रा की आदतें आपके दिमाग पर सीधा वार कर रही हैं?

अगर समय रहते नहीं संभले, तो यही आदतें आगे चलकर ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) जैसे खतरनाक रोग को न्योता दे सकती हैं। डॉक्टर्स भी चेतावनी दे चुके हैं कि युवाओं में बढ़ती ये लाइफस्टाइल आदतें अब सिरदर्द से कहीं ज्यादा बड़ा खतरा बन चुकी हैं।

धीरे-धीरे बढ़ता है ब्रेन ट्यूमर

ब्रेन ट्यूमर कोई अचानक होने वाली बीमारी नहीं है, बल्कि ये धीरे-धीरे विकसित होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खराब नींद, ज्यादा स्क्रीन टाइम, स्मोकिंग और अनहेल्दी डाइट जैसी आदतें दिमागी कोशिकाओं पर बुरा असर डालती हैं। लंबे समय तक इनका असर ट्यूमर के रूप में सामने आ सकता है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल करीब 3 लाख से ज्यादा लोग ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित होते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या युवा वर्ग की है। ये आंकड़े डराने वाले हैं, लेकिन थोड़ी सी समझदारी और बदलाव से इससे बचा जा सकता है।

ब्रेन हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली 5 बुरी आदतें

1. नींद पूरी न करना

अगर आप रोज़ाना 6 घंटे से कम सोते हैं, तो दिमाग को पूरा आराम नहीं मिल पाता। इससे ब्रेन सेल्स की मरम्मत और रिकवरी प्रक्रिया रुक जाती है। लगातार नींद की कमी से याददाश्त कमजोर होती है, मानसिक थकावट बढ़ती है और ब्रेन ट्यूमर का रिस्क बढ़ सकता है।

2. ज्यादा मोबाइल और लैपटॉप यूज़ करना

मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइसेज से निकलने वाला EMF (Electromagnetic Field) रेडिएशन ब्रेन सेल्स को प्रभावित करता है। लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहने से दिमाग में तनाव और सूजन की स्थिति पैदा हो सकती है, जो धीरे-धीरे ब्रेन हेल्थ को खराब कर सकती है और ट्यूमर का कारण बन सकती है।

3. जंक फूड और शुगर का ज्यादा सेवन

ज्यादा फैट, शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बनी डाइट दिमाग में सूजन बढ़ा देती है। इससे न्यूरॉन कमजोर होने लगते हैं और दिमाग की कार्यक्षमता घटती है। समय के साथ यह सूजन ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। हेल्दी ब्रेन के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है।

4. स्मोकिंग और अल्कोहल

धूम्रपान और शराब में मौजूद हानिकारक रसायन (न्यूरोटॉक्सिन्स) सीधे दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। ये तत्व ब्रेन सेल्स की ग्रोथ रोकते हैं और टॉक्सिक असर छोड़ते हैं, जिससे ब्रेन ट्यूमर विकसित हो सकता है। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि इन आदतों से दूर रहना जरूरी है।

5. मानसिक तनाव

अगर आप लगातार स्ट्रेस में रहते हैं तो इसका सीधा असर दिमाग की संरचना और कार्यक्षमता पर पड़ता है। स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्तर बढ़ जाता है, जो न्यूरल कनेक्शन को नुकसान पहुंचा सकता है। लंबे समय तक तनाव में रहना ब्रेन ट्यूमर के खतरे को बढ़ा सकता है।

AIIMS और अन्य प्रमुख संस्थानों के न्यूरोलॉजिस्ट्स का भी मानना है कि ब्रेन हेल्थ को गंभीरता से लेना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। विशेषकर युवाओं में लगातार स्क्रीन टाइम और स्लीप साइकल की गड़बड़ी सबसे बड़ा कारण बन रही है।

ब्रेन ट्यूमर से बचाव के उपाय और जरूरी अलर्ट

अब सवाल ये उठता है, क्या इससे बचा जा सकता है? जवाब है, हां। कुछ छोटे लेकिन जरूरी बदलाव आपके ब्रेन को हेल्दी बना सकते हैं। जैसे कि रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद लेना, फोन-लैपटॉप का यूज़ सीमित करना, हफ्ते में 4 दिन हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, और हेल्दी डाइट जिसमें ओमेगा-3, विटामिन B12 और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर हों।

इसके साथ ही, अगर आपको बार-बार सिर दर्द, उलझन, चक्कर, या भूलने की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जल्द पहचान होने पर ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है।

सरकार और हेल्थ ऑर्गनाइजेशन भी लोगों को जागरूक करने के लिए अब जागरूकता अभियान चला रहे हैं। स्कूलों और कॉलेजों में वर्कशॉप्स शुरू की जा रही हैं ताकि युवा वर्ग अपनी आदतों को समय रहते बदल सके।

 

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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