MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

Curd Side Effects: सावधान! इन लोगों को गर्मी में नहीं खाना चाहिए दही, हो सकता है भारी नुकसान

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Curd Side Effects: गर्मी के मौसम में दही खाना आम बात है। यह ठंडा, स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्मी में दही का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता है?
Curd Side Effects: सावधान! इन लोगों को गर्मी में नहीं खाना चाहिए दही, हो सकता है भारी नुकसान

Curd Side Effects: गर्मी के मौसम में ठंडी चीजों का सेवन बढ़ जाता है। दही, छाछ जैसी चीजें न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करते हैं, और वजन घटाने में भी मदद करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गर्मी में दही का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता है? गर्मी के मौसम में ठंडी और ताज़ी चीजों का सेवन बढ़ जाता है। दही, छाछ जैसी चीजें न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं। दही में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन बी 6, बी 12 जैसे कई पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं।

इन मरीजों को करना चाहिए दही से परहेज

किडनी स्टोन

गर्मी में दही का सेवन कई लोगों को पसंद होता है। यह स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि किडनी स्टोन के मरीजों को दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए या फिर बिलकुल नहीं करना चाहिए? दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। किडनी स्टोन के बनने का मुख्य कारण यूरिन में कैल्शियम का अधिक मात्रा में होना होता है। जब यूरिन में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स क्रिस्टल बनकर जमा हो जाते हैं, तो किडनी स्टोन बन जाते हैं। इसलिए, किडनी स्टोन के मरीजों को दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए या फिर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए।

अस्थमा

अस्थमा एक सांस की बीमारी है जिसमें वायुमार्ग सूज जाते हैं और संकुचित हो जाते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। क्या अस्थमा के मरीजों को दही का सेवन करना चाहिए? इसका जवाब है, शायद नहीं। दही की तासीर ठंडी होती है और इसमें खट्टापन होता है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि दही खाने से बलगम (कफ) बन सकता है और अस्थमा के लक्षणों को बदतर बना सकता है। इसके अलावा, दही में कुछ प्रोटीन होते हैं जो कुछ लोगों में एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं।

लैक्टोज इंटॉलरेंस

लैक्टोज इंटॉलरेंस एक आम पाचन समस्या है जिसमें लोग दूध और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले लैक्टोज नामक शर्करा को पचाने में असमर्थ होते हैं। लैक्टोज इंटॉलरेंस के लक्षणों में अपच, पेट में गैस, सूजन, दस्त और पेट में दर्द शामिल हैं। अगर आपको लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या है, तो दही का सेवन कम या न करना ही बेहतर है। दही में लैक्टोज की मात्रा दूध की तुलना में कम होती है, लेकिन फिर भी यह लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों के लिए लक्षण पैदा कर सकती है। लेकिन, कुछ लोग लैक्टोज इंटॉलरेंस होने के बावजूद भी थोड़ी मात्रा में दही का सेवन कर सकते हैं।

गठिया

गठिया एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न पैदा करती है। क्या गठिया के मरीजों को दही का सेवन करना चाहिए? इसका जवाब है, शायद नहीं। दही में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि दही में मौजूद कुछ प्रोटीन गठिया के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं। इसके अलावा, दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो कुछ लोगों में सूजन को बढ़ा सकता है। अगर आपको गठिया है, तो दही का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।