जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। आप किस तरह सोते हैं ये एक बेहद निजी मामला है। हर व्यक्ति रात के अंधेरे में अपने कंफर्ट के अनुसार सोना पसंद करता है, पर ये कंफर्ट कभी कभी आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। हमारे सोने का तरीका ऐसा होने चाहिए कि शरीर को आराम मिले, ऐसा नहीं कि उससे हमारी सेहत पर बुरा असर पड़े। सोते समय किस करवट ज्यादा देर लेटे रहते हैं, उस करवट का असर हमारी सेहत पर जरूर पड़ता है। खासतौर से एक स्लीपिंग पोजीशन तो ऐसी है जो खासतौर से महिलाओं के लिए बहुत नुकसानदायी हो सकती है।
कौन सी खराब स्लीपिंग पोजीशन?
सोते समय हम वो पोजीशन चुनते हैं, जिसमें हमें सबसे ज्यादा आराम मिले। दिनभर की थकान मिटाने के लिए एक अच्छी नींद बहुत जरूरी होती है, लेकिन खराब पोजीशन में सोने की कोशिश दूसरे नुकसान कर सकती है। ये खराब पोजीशन है, पेट के बल सोने की। ये एक ऐसी पोजीशन है जिसमें लेटकर कई लोगों को आराम मिलता है। लेकिन सोने का ये तरीका सेहत पर बुरा असर भी डाल सकता है।
क्यों है ये पोजीशन खराब?
इस पोजीशन में सोते समय रीढ़ की हड्डी को सीधा रखना मुश्किल होता है। सिर को गद्दे पर धंसा कर सोना तो असंभव है। इसलिए सिर भी किसी एक दिशा में घुमाकर ही सोएंगे। इसका असर भी स्पाइन के लिगामेंट्स पर पड़ता है, जिसकी वजह से गर्दन या कंधे में दर्द आ सकता है।
पेट पर दबाव
इस तरह से सोने का असर पेट पर भी पड़ता है, शरीर का वजन पूरा पेट पर आ जाता है, जिसकी वजह से कई वाइटल ऑर्गन दबने लगते हैं।
सांस लेना मुश्किल
वाइटल ऑर्गन में दबने वाले ऑर्गन में डायाफ्राम भी शामिल है, जिसके दबने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
कैसे बदलें ये आदत
जाहिर है इस आदत को एकदम नहीं बदल सकते। धीरे धीरे अलग अलग करवट में सोने की कोशिश करें। जब ज्यादा अनईजी लगे तब पेट के बल सो जाएं पर, ज्यादा से ज्यादा कोशिश इस बात की करें कि आप साइड करवट सो सकें।
पीठ के बल या साइड करवट सोने के फायदे
पीठ के बल सोना सबसे ज्यादा फायदेमंद है, इससे रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रहती है, जबकि अगर आप खर्राटे लेते हैं तो करवट से सोना ज्यादा फायदेमंद होगा।