जहर नहीं, अमृत का खजाना है ये पौधा, समझदार लोग ही जान पाते हैं इसके फायदे

यह पौधा जहर नहीं, बल्कि अमृत का खजाना है, जो स्वास्थ्य के लिए कई फायदेमंद गुणों से भरपूर है। इसके पत्ते और फल आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उपयोग किए जाते हैं।

भावना चौबे
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Datura plant

Datura plant: धतूरा एक ऐसा पौधा है जो लगभग हर घर में पाया जाता है। खासतौर पर गांव में हर घर में यह पौधा दिखता है। यह एक औषधीय और धार्मिक महत्व वाला पौधा है जो ज्यादातर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाया जाता है। यह पौधा अपने जहरीले गुणों और औषधीय उपयोग के लिए जाना जाता है।

धतूरे के पौधे की पत्तियां, फूल और फल का प्रयोग विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों में भगवान शिव को अर्पित करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों के उपचार के लिए भी सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि यह पौधा जहरीला होता है इसलिए इसका उपयोग बहुत सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

सफ़ेद बालों की समस्या के लिए

आजकल कम उम्र में ही लोग सफेद बाल और गंजेपन की समस्या से परेशान रहते हैं। बिगड़ी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खान-पान के चलते कम उम्र में ही लोगों के बाल सफेद होने लगे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए छोटा धतूरा आपकी मदद कर सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए धतूरे के पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है और बाल फिर से काले होने लगते हैं। इस प्रक्रिया को हफ्ते में तीन बार दोहराने से 1 महीने में ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

खांसी, जुकाम के लिए

धतूरा न केवल बालों की समस्या में लाभकारी होता है बल्कि खांसी, जुकाम और पेट के कीड़ों की समस्या में भी प्रभावी साबित हो सकता है। इसके लिए धतूरे के पत्तों का दूध के साथ सेवन करना चाहिए जो इन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार धतूरे के पत्ते का सही मात्रा में उपयोग करने से शरीर की गुप्त शक्ति भी बढ़ती है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आता है। हालांकि इसका सेवन सावधानीपूर्वक और विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।

त्वचा संबंधी रोगों के लिए

इतना ही नहीं धतूरा त्वचा संबंधी रोगों के लिए भी एक प्रभावी उपाय है। यदि किसी को त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो रही है, तो रोज सुबह खाली पेट एक छोटा धतूरे का पत्ता खाने से यह समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो सकती है। इसके अलावा धतूरे के पत्तों को दूध के साथ सेवन करने से मर्दाना ताकत बढ़ती है और शरीर की कमजोरी भी दूर होती है। आयुर्वेद में धतूरा एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है, लेकिन इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करना चाहिए।

सिर दर्द और बवासीर के लिए

धतूरा सिर दर्द और बवासीर जैसी समस्याओं के लिए एक प्रभावी औषधि मानी जाती है। सिर दर्द से राहत पाने के लिए इसके पत्तों को पीसकर माथे पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है। इसके अलावा बवासीर के इलाज के लिए उसके पत्तों का रस निकालकर उसे दही में मिलाकर सेवन करने से कुछ दिनों में राहत मिल सकती है। धतूरा न केवल इन समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि इसके कई अन्य औषधीय गुण भी है जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होते हैं हालांकि इसका उपयोग सावधानीपूर्वक और सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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