हेल्थ,डेस्क रिपोर्ट। आज के इस तनाव भरे युग में मनुष्य हंसना तो भूल ही गया है, जबकि हंसना (Laughing) एक श्रेष्ठ औषधि है। क्योंकि हंसने से समस्त अंगों का व्यायाम होता है, यदि मनुष्य दुखी और चिंतित रहता है, तो उसे कई बीमारियां घेर लेती हैं, इसलिए हमें हमेशा मुश्किलों में भी हंसते रहना चाहिए। हंसमुख व्यक्ति से प्रत्येक व्यक्ति मिलकर प्रसन्न होता है, कोई भी व्यक्ति मुरझाए चेहरे को पसंद नहीं करता है।
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आपको बता दें कि 100 से 200 बार खुलकर हंसने से पर्याप्त व्यायाम हो जाता है। यदि हम किसी रोगी के जीवन की अवधि को बढ़ा नहीं सकते तो कम से कम उसे हंसाकर स्वस्थ तो रख ही सकते हैं इसलिए एक शायर ने कहा है कि अपना जिंदादिल लोगों का काम है किसी रोगी के हंसने और स्वस्थ रहने के बीच सूक्ष्म संबंध है क्योंकि हंसने से रोगी की जीवन शक्ति बढ़ती है।
हंसने की क्रिया चार स्तर पर होती है
मुस्कुराना :- इसमें सिर्फ चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव आते हैं।
मन ही मन मुस्कुराना :- इसमें मन के अंदर आनंद के भाव लाते हुए आनंदित हुआ जाता है।
खुल कर हंसना :- इसमें खुलकर हंसा जाता है ताकि शरीर के समस्त अंगों में गतिशीलता आए।
अट्टहास के साथ हंसना :- इसमें ऑटोहौस के साथ हंसा जाता है।
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हंसने से रक्त की सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है एवं वसा की मात्रा घटती है हंसने से व्यक्ति हांफने लगता है उसके फेफड़े धोकनी के समान चलने लगते हैं एवं खून का दौरा तेज हो जाता है एवं चेहरे व अन्य मांसपेशियों का व्यायाम होता है हंसने से हृदय रोग दूर होता है, हंसने से तनाव, घबराहट, गुस्सा दूर होता है अतः आज से हंसना और हंसाना शुरू करें।