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Sun, Dec 7, 2025

हमीरपुर में बनेगा प्रदेश का पहला एकीकृत एक्वा पार्क, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशा

Written by:Neha Sharma
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हमीरपुर जिले के नादौन में 25 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है।
हमीरपुर में बनेगा प्रदेश का पहला एकीकृत एक्वा पार्क, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशा

हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हमीरपुर जिले के नादौन में 25 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए भूमि चयन पूरा हो चुका है और आईसीएआर-सीआईएफए भुवनेश्वर ने इसका विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि यह पहल प्रदेश में मत्स्य पालन को एक टिकाऊ और लाभदायक उद्यम के रूप में स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगी।

प्रदेश का पहला एकीकृत एक्वा पार्क

यह एक्वा पार्क ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करेगा। अत्याधुनिक फ्रेश वाटर एक्वा कल्चर तकनीकों के माध्यम से यह पार्क गांव-गांव तक मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देगा। परियोजना में मछली बीज उत्पादन, आहार निर्माण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन की सभी गतिविधियों को एक ही परिसर में विकसित किया जाएगा। इससे किसानों और युवाओं की आय में वृद्धि होगी और प्रदेश में मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ेगा।

इस पार्क में विभिन्न मछली प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इनमें भारतीय मेजर कार्प, जयंती रोहू, अमृत कतला, मृगल, विदेशी कार्प (हंगेरियनअमूर स्ट्रेन माइनर कार्प), कैटफिश पंगेसियस, मुर्रेल और सजावटी मछलियां जैसे गोल्ड फिश, कोई कार्प, गप्पी और मौली शामिल हैं। इन प्रजातियों के माध्यम से मत्स्य क्षेत्र को अधिक विविध और लाभदायक बनाने का लक्ष्य है।

एक्वा पार्क की खासियत

एक्वा पार्क को अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। इसमें आधुनिक हैचरी, नर्सरी, ब्रूड स्टॉक पालन केंद्र, बायोफ्लोक और रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) जैसी नवीन जलीय प्रणालियां स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही पार्क में फीड मिल, सजावटी मछली पालन इकाई, सार्वजनिक एक्वेरियम, विपणन और इनक्यूबेशन केंद्र, क्वारंटीन प्रयोगशाला, प्रशासनिक-सह-प्रयोगशाला भवन और अपशिष्ट उपचार संयंत्र जैसी सुविधाएं भी होंगी।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है और मत्स्य पालन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि किसानों को आधुनिक मत्स्य उत्पादन तकनीकों से जोड़ा जाए ताकि वे इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें। नादौन में बनने वाला यह एक्वा पार्क न केवल हिमाचल बल्कि देशभर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित हो सकता है।