MP Breaking News

Welcome

Sat, Dec 6, 2025

हिमाचल प्रदेश के चंबा में बीती रात भूकंप के झटके किए गए महसूस, रिक्टर स्केल पर 3.6 मापी गई तीव्रता

Written by:Rishabh Namdev
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यह भूकंप चंबा में बीती रात आया। हालांकि भूकंप से किसी भी प्रकार की जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। भूकंप की तीव्रता भी अधिक नहीं थी।
हिमाचल प्रदेश के चंबा में बीती रात भूकंप के झटके किए गए महसूस, रिक्टर स्केल पर 3.6 मापी गई तीव्रता

हिमाचल प्रदेश के चंबा में बीती रात आए भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया। दरअसल शुक्रवार को चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई है। वहीं नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक चंबा में आए भूकंप का केंद्र जमीन से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में था। दरअसल हिमाचल प्रदेश के चंबा में आया यह भूकंप रात 11:36 बजे आया था।

रात में आए इस भूकंप ने रहवासियों को डरा दिया। रहवासी नींद से उठकर घरों के बाहर आ गए। हालांकि इस भूकंप से किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। झटके की तीव्रता बेहद कम थी, जिससे कुछ लोगों को यह झटके महसूस भी नहीं हुए।

भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील ज़ोन

भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील ज़ोन

भूकंप की यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जारी की है। जहां भूकंप आया है, उसे भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील ज़ोन माना जाता है। यह ज़ोन सिक्स में आता है। इसी कारण इस जगह पर बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। 14 दिन पहले भी चंबा के इसी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यह भूकंप भी रात 12:00 बजे के करीब आया था। कई बार छोटे-छोटे भूकंप बड़े भूकंप की चेतावनी होते हैं, लेकिन चंबा में आए इस भूकंप को लेकर अब तक इस प्रकार की कोई जानकारी विशेषज्ञों की ओर से नहीं दी गई है।

कैसे आता है भूकंप?

दरअसल भूकंप का आधार पृथ्वी की कोर या ऊपरी गर्म वायुमंडल से संबंधित होता है। जब पृथ्वी की कोर में दबाव बढ़ने लगता है, तो यह भूकंप का कारण बन जाता है। वहीं भूकंप के कारण लिथोस्फियर का दबाव बढ़ता है, जिससे ऊपरी गर्म वायुमंडल में अचानक परिवर्तन होता है और तापमान में कमी आने लगती है। इससे पृथ्वी की स्थिरता में असंतुलन होता है और हलचल मचने लगती है। इसी हलचल को ही हम भूकंप कहते हैं।