हिमाचल में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया फिर शुरू, चुनावों से पहले सरकार-आयोग आमने-सामने

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को एक बार फिर शुरू कर दिया है। इधर, हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के आम चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Advertisement

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को एक बार फिर शुरू कर दिया है। पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाली पंचायतों के पुनर्गठन से जुड़े प्रस्तावों की समीक्षा करें और 15 दिनों के भीतर विभाग को भेजें। सरकार चाहती है कि इन प्रस्तावों पर राज्य स्तर पर जल्द कार्रवाई की जाए, ताकि आगामी पंचायत चुनावों से पहले प्रशासनिक ढांचा सुव्यवस्थित किया जा सके।

ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू

पिछले वर्ष भी पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर पंचायतों से प्रस्ताव मांगे गए थे, जिन्हें विभाग ने सरकार को भेजा था। हालांकि, इन पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। पंचायती राज विभाग के हालिया पत्र के अनुसार, 25 अक्टूबर 2025 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जुलाई से सितंबर के बीच आई प्राकृतिक आपदा और राहत कार्यों में व्यस्तता के कारण कई प्रस्तावों पर विचार नहीं हो सका। अब इन लंबित प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने कहा कि प्रत्येक उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक दस्तावेज और सिफारिशें समय पर राज्य सरकार को भेज दी जाएं।

सरकार का मकसद है कि पंचायत चुनावों से पहले संस्थागत ढांचे को सशक्त और प्रशासनिक रूप से संतुलित बनाया जाए। हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह संशय बना हुआ है कि पंचायत चुनाव तय समय पर हो पाएंगे या नहीं। पुनर्गठन की प्रक्रिया में देरी होने पर चुनाव कार्यक्रम पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर, सरकार का तर्क है कि नई सीमाओं और इकाइयों के निर्धारण के बिना चुनाव करवाना व्यावहारिक नहीं होगा।

निर्वाचन आयोग ने भी तैयारियां कीं शुरू

इधर, हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के आम चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनावी व्यवस्थाओं की अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करें। दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में प्रस्तावित इन चुनावों के लिए आयोग ने सहायक रिटर्निंग अधिकारी, पोलिंग अधिकारी, वाहनों की उपलब्धता, मीडिया सेल, नियंत्रण कक्ष और मतगणना केंद्रों की पहचान जैसे कार्यों को प्राथमिकता देने को कहा है।

इस तरह प्रदेश में एक तरफ सरकार पंचायतों का पुनर्गठन कर रही है, वहीं निर्वाचन आयोग चुनाव की रूपरेखा तय करने में जुट गया है। प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि अगर पुनर्गठन प्रक्रिया में देरी हुई, तो सरकार और निर्वाचन आयोग के बीच चुनाव कार्यक्रम को लेकर टकराव की स्थिति बन सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि पंचायत पुनर्गठन और चुनावी तैयारियों की दिशा किस ओर जाती है।


Other Latest News