हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों से जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जाइका) की मदद से 1731 करोड़ रुपए का हेल्थ प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है। यह प्रोजेक्ट राज्य के मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में आधुनिक मशीनें और अत्याधुनिक सुविधाएं जोड़ने पर केंद्रित है। पहले इस परियोजना को 1422 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अब कटी हुई 246 करोड़ की राशि को बहाल कर दी है। इस प्रोजेक्ट में राज्य का हिस्सा भी शामिल है और इसे लोन के रूप में लागू किया जाएगा।

हिमाचल के अस्पतालों की सेहत सुधरेगी
यह परियोजना हिमाचल में जाइका की हेल्थ सेक्टर में पहली एंट्री है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए एक समर्पित टीम गठित की थी, जिसमें स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, सीएम के अतिरिक्त सचिव हरीश गज्जू और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक शामिल थे। परियोजना को ‘एडवांसिंग हेल्थकेयर एक्सीलेंस’ नाम दिया गया है। इसके तहत मेडिकल कॉलेजों का आधुनिकीकरण, बेहतर इलाज की सुविधाएं और मरीजों के लिए आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
परियोजना के तहत करीब 700 करोड़ रुपए मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक बनाने पर खर्च होंगे। इसके साथ ही हमीरपुर में 300 करोड़ की लागत से एडवांस कैंसर सेंटर की स्थापना की जा रही है, जो हिमाचल में अपनी तरह का पहला अत्याधुनिक केंद्र होगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह कदम प्रदेश को आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की दिशा में नई ऊंचाई देगा और मरीजों को बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता कम होगी।
1500 करोड़ का होगा प्रोजेक्ट का दूसरा चरण
स्वास्थ्य परियोजना के दूसरे चरण की भी तैयारी शुरू हो गई है, जिसकी लागत 1500 करोड़ रुपए होगी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इसके लिए जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। दूसरे चरण में 67 आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों को भी आधुनिक बनाया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक बेहतर ढांचा और तकनीकी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस परियोजना के पहले चरण को एक वर्ष के भीतर जमीन पर उतारा जाए। क्योंकि इसमें निर्माण कार्यों की तुलना में उपकरण और तकनीकी उन्नयन से जुड़ा अधिक काम शामिल है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल हिमाचल की चिकित्सा व्यवस्था को नया रूप देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाएगा।










