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Tue, Dec 9, 2025

अब पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर नहीं बन सकेंगे ‘हीरो’, DGP ने जारी की नई SOP

Written by:Rishabh Namdev
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने पुलिस कर्मियों को लेकर आदेश दिया है कि पुलिसकर्मी अब सोशल मीडिया पर वर्दी में रील, वीडियो, फोटो या मनोरंजन आधारित कंटेंट पोस्ट नहीं कर सकेंगे। इसे लेकर DGP ने नई SOP लागू कर दी है।
अब पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर नहीं बन सकेंगे ‘हीरो’, DGP ने जारी की नई SOP

हिमाचल प्रदेश में अब पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर ‘हीरो’ नहीं बन सकेंगे। राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) ने पुलिस कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है। 8 दिसंबर 2025 को जारी इस आदेश के बाद वर्दी में रील, वीडियो या फोटो पोस्ट करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्दी की गरिमा और अनुशासन बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

नई SOP के तहत, पुलिस वर्दी में किसी भी प्रकार का मनोरंजन आधारित कंटेंट, जैसे— डांस वीडियो, एक्टिंग क्लिप्स, फनी रील्स या निजी प्रचार सामग्री पोस्ट करना गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाएगी। यह प्रतिबंध Facebook, Instagram, YouTube, X (Twitter) और WhatsApp समेत सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लागू होगा।

गोपनीयता और सुरक्षा सर्वोपरि

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों में केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि संवेदनशील जानकारी साझा करने पर भी रोक लगाई गई है। पुलिसकर्मी अब अपने निजी सोशल मीडिया खातों पर केस की डीटेल्स, जांच की स्थिति, रेड की लोकेशन, या पीड़ित और आरोपी की पहचान उजागर नहीं कर सकेंगे। विभाग का मानना है कि ऐसी पोस्ट से न केवल जांच प्रभावित होती है, बल्कि पुलिस की पेशेवर छवि को भी नुकसान पहुंचता है।

अब पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर नहीं बन सकेंगे 'हीरो', DGP ने जारी की नई SOP

अब पुलिसकर्मी वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर नहीं बन सकेंगे 'हीरो', DGP ने जारी की नई SOP

इसके अलावा, बिना अनुमति के कोई भी सरकारी दस्तावेज, आदेश, नोटशीट या विभागीय संदेश सोशल मीडिया पर साझा करना प्रतिबंधित है। आधिकारिक बयान या जन-जागरूकता संदेश केवल वही अधिकारी जारी कर सकेंगे, जिन्हें मुख्यालय से लिखित अनुमति प्राप्त है।

उल्लंघन पर होगी सीधी कार्रवाई

DGP ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि SOP का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसमें विभागीय जांच, निलंबन (Suspension), वेतन वृद्धि रोकना और पदावनति (Demotion) शामिल है। यदि मामला गंभीर पाया गया, तो सेवा समाप्ति (Dismissal) तक की कार्रवाई हो सकती है। वहीं, अगर किसी पोस्ट में आपराधिक पहलू पाया जाता है, तो संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

कानूनी आधार और निगरानी

यह SOP Central Civil Service Act – 1964, IT Act-2000 और Himachal Pradesh Police Act – 2007 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है। मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों (SP) और यूनिट प्रमुखों को अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर निगरानी रखने और लापरवाही की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।

गौरलतब है कि पुलिस विभाग ने बीते साल भी ऐसे निर्देश जारी किए थे, लेकिन सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए इस बार सुक्खू सरकार के कार्यकाल में इसे सख्ती से लागू किया जा रहा है। देशभर में वर्दी में रील बनाने के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए यह कदम पुलिस की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है।