हिमाचल प्रदेश की 411 बस्तियों को जल्द ही सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण के तहत इन बस्तियों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। एनआईटी हमीरपुर से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह डीपीआर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को ऑनलाइन भेज दी है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार से हिमाचल को लगभग 2300 करोड़ रुपये की राशि जारी होने की उम्मीद है।
411 बस्तियों तक पहुंचेगी सड़क सुविधा
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह परियोजना वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर तैयार की गई है। योजना के तहत 500 मीटर के दायरे में स्थित ढाई सौ से अधिक आबादी वाली बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा। पहाड़ी राज्यों के लिए यह सीमा 250 आबादी तय की गई है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में 500 आबादी वाले गांवों को शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा राशि स्वीकृत होने के बाद इन सड़कों का निर्माण कार्य अगले वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश सरकार और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच बीते बुधवार को एक वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें प्रोजेक्ट की प्रगति और आवश्यक औपचारिकताओं पर चर्चा हुई। हिमाचल के अधिकारियों ने मंत्रालय के सचिव को बताया कि सभी प्रस्तावित सड़कों के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस और निजी जमीन से जुड़ी सभी अनुमतियां पहले ही प्राप्त कर ली गई हैं। परियोजनाओं से संबंधित जो आपत्तियां थीं, उन्हें भी बैठक के दौरान निस्तारित कर दिया गया।
पहले चरण में किसे दी जाएगी प्राथमिकता?
राज्य सरकार का कहना है कि हिमाचल को इस योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से धनराशि जारी की जाएगी। पहले चरण में कुछ जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां अभी भी दूरस्थ बस्तियां सड़क से नहीं जुड़ी हैं। यह योजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधाओं को बढ़ाएगी बल्कि आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेगी।
लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने बताया, “हिमाचल में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। पहले पांच सौ आबादी वाले गांवों को सड़क सुविधा दी जा रही थी, अब यह लाभ ढाई सौ आबादी वाली बस्तियों तक पहुंचाया जाएगा। 411 बस्तियों को जोड़ने की डीपीआर केंद्र सरकार में जमा हो चुकी है और जल्द मंजूरी की उम्मीद है।”





