Magh Mela 2026: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में माघ मेला (Magh Mela) 3 जनवरी 2026 से शुरू होकर 15 फरवरी 2026 तक लगेगा। यह मेला करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। इसे तप, साधना, संयम और जागरण का महापर्व कहा जाता है। प्रयागराज में गंगा (Ganga), यमुना (Yamuna) और सरस्वती (Saraswati) नदी का मिलन होता है, जिसे संगम तट और त्रिवेणी कहा जाता है। पद्म पुराण में लिखित है कि संगम का जल काफी पवित्र है, जिसमें स्नान करने से पूर्व के पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।
बता दें कि इस बार माघ मेले में अमृत स्नान की तर्ज पर पर्व स्नान की तैयारी की जा रही है। इसमें जगदगुरु, रामानंदाचार्य, महामंडलेश्वर, द्वाराचार्य, संत, महंत, श्रीमहंत शाही स्नान की तरह शोभायात्रा निकालेंगे। मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी पर अमृत स्नान की तर्ज पर ही पर्व स्नान के आयोजन होंगे। जो भी श्रद्धालु महाकुंभ के अमृत स्नान में शामिल नहीं हो सके थे, उनके लिए पर्व स्नान में शामिल होने का मौका रहेगा। चलिए जानते हैं कि साल 2026 में संगम में प्रमुख स्नान की तिथियां क्या हैं?
3 जनवरी: पौष पूर्णिमा
हिंदू पंचांग में पौष पूर्णिमा को अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा का पूर्ण रूप सौभाग्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है। स्नान, दान, पूजा और चंद्र अर्घ्य का विशेष महत्व इसे साल की सबसे पुण्यकारी पूर्णिमाओं में से एक बनाता है। पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 में पौष पूर्णिमा शनिवार, 3 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पूरे प्रभाव में रहेगी।
15 जनवरी: मकर संक्रांति
पौष पूर्णिमा के बाद 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति पर दूसरा प्रमुख स्नान किया जाएगा। मकर संक्रांति का हिंदू त्योहारों में विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
18 जनवरी: मौनी अमावस्या
माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी या मौनी अमावस्या भी कहते हैं। 18 जनवरी 2026 को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। यह माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और मौन व्रत रखने का बड़ा महत्व माना जाता है।
23 जनवरी: बसंत पंचमी
हिंदू माह माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (23 जनवरी 2026) को बसंत पंचमी मनाई जाती है। इसी दिन से भारत में बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है। इस दिन नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य देना अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
1 फरवरी: माघ पूर्णिमा
माघी पूर्णिमा माघ माह की पूर्णिमा को आती है। यह दिन हिन्दू धर्म में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। श्रद्धालु इस अवसर पर संगम तट पर स्नान, पूजा और दान-पुण्य में हिस्सा लेते हैं। माघी पूर्णिमा 2026 में 1 फरवरी को मनाई जाएगी। प्रयागराज प्रशासन और मेला प्राधिकरण इस दिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं का इंतजाम करेंगे।
15 फरवरी: महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2026 में महाशिवरात्रि रविवार 15 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन संगम तट पर श्रद्धालुओं के साथ बड़ी संख्या में नागा साधु और संत आस्था की डुबकी लगाते हैं।





